जयपुर। SD News Agency राजधानी के गोपालपुरा मोड़ स्थित एलेन कोचिंग इंस्टिट्यूट में पढ़ने वाले छात्रों का विरोध प्रदर्शन अब बड़ा रूप लेता जा रहा है। संयुक्त अभिभावक संघ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर जांच और कोचिंग संचालक पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है।
छात्रों का आरोप: पूरी फीस ली, लेकिन पढ़ाई अधूरी
शनिवार को सैकड़ों छात्रों ने एलेन कोचिंग सेंटर, त्रिवेणी नगर के बाहर लगभग 5-6 घंटे तक भूखे-प्यासे रहकर जबरदस्त प्रदर्शन किया। छात्रों का आरोप है कि कोचिंग सेंटर ने 100% फैकल्टी और बेहतर शिक्षा देने का वादा करके पूरी फीस वसूल ली, लेकिन परीक्षा के केवल 45-60 दिन शेष रहने के बावजूद सिर्फ 60% पाठ्यक्रम ही पूरा कराया गया है।
संयुक्त अभिभावक संघ के राजस्थान प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने जानकारी देते हुए कहा कि “कोचिंग संचालकों ने 120 शिक्षकों को हटा दिया है, जिससे छात्रों की पढ़ाई अधर में लटक गई है। इस स्थिति में छात्र मानसिक तनाव में आ गए हैं और न्याय की गुहार लगा रहे हैं।”
कोचिंग प्रबंधन पर गंभीर आरोप
छात्रों के प्रदर्शन के दौरान कोचिंग प्रबंधन की ओर से अभद्र भाषा और धमकी देने के आरोप भी लगे हैं। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने बताया कि जब उन्होंने कोचिंग सेंटर द्वारा तय की गई फैकल्टी की बहाली की मांग की, तो प्रबंधन के स्टाफ ने उन्हें धमकाते हुए कहा, “जो उखाड़ना है उखाड़ लो, हमें जो करना होगा वहीं करेंगे, पढ़ाई करनी है तो करो, नहीं तो घर जाओ।”
संयुक्त अभिभावक संघ ने कहा कि छात्रों के साथ की गई यह हरकत मानसिक उत्पीड़न की श्रेणी में आती है और छात्रों को आत्महत्या के लिए उकसाने जैसा कृत्य है।
सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग
संयुक्त अभिभावक संघ का कहना है कि कोटा और अन्य कोचिंग हब में आत्महत्याओं के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार को सतर्क रहने की जरूरत है।
संघ ने मांग की है कि:
- इस मामले की तत्काल जांच हो और दोषी कोचिंग संचालकों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
- छात्रों को पूरी फीस वापसी या कोर्स पूरा कराने की गारंटी मिले।
- राज्य सरकार को कोचिंग संस्थानों के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश और नियंत्रण तंत्र लागू करना चाहिए।
यदि सोमवार तक प्रशासन की ओर से कोई समाधान नहीं निकलता, तो छात्रों ने फिर से प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और क्या छात्रों को न्याय मिल पाता है या नहीं।
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