
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा ने बिहार विधानसभा चुनाव के ताज़ा नतीजों को लेकर बड़ा दावा किया है। आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अगर बिहार में बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाएं, तो नतीजे पूरी तरह पलट जाएंगे। वाड्रा ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए और आरोप लगाया कि इस बार का चुनाव पारदर्शिता से बहुत दूर था।
‘चुनाव ठीक नहीं हुआ, जनता में गहरा अविश्वास’
वाड्रा ने कहा कि इस बार का चुनाव सिर्फ इसलिए संदिग्ध नहीं है कि महागठबंधन हार गया, बल्कि इसलिए कि “ऐसा माहौल उन्होंने पहले कभी नहीं देखा।”
उनके मुताबिक,
- जनता के मन में शक है कि धांधली हुई,
- मुख्य चुनाव आयुक्त पर राजनीतिक झुकाव के आरोप लग रहे हैं,
- रैलियों में उमड़ी भीड़ और नतीजों के बीच गहरा विरोधाभास दिखाई देता है।
वाड्रा ने कहा कि जनता इन नतीजों को स्वीकार करने के मूड में नहीं है और विरोध की आवाज़ें तेज़ हो सकती हैं।
‘बैलेट पेपर से दोबारा चुनाव हों, नतीजे उलट जाएंगे’
वाड्रा ने दावा किया कि बिहार में इस बार परिवर्तन की तीव्र लहर थी और नीतीश कुमार के 20 साल के शासन से जनता बदलाव चाहती थी।
उनका कहना था कि—
“अगर बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाएं, नतीजे पूरी तरह उलट जाएंगे। लोगों का विश्वास EVM पर नहीं है। लोकतंत्र तभी बचेगा जब चुनाव निष्पक्ष होंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी पहले भी हरियाणा व महाराष्ट्र में फर्जी वोटिंग और EVM गड़बड़ी की बात उठा चुके हैं।
‘मेरी यात्राएं राजनीति नहीं, जनता की आवाज़ हैं’
वाड्रा ने अपनी धार्मिक यात्राओं को लेकर विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे हमेशा ज़मीन से जुड़े लोगों की समस्याएं सुनने और उनकी आवाज़ उठाने का काम करते हैं।
उन्होंने कहा—
- 2014 के बाद से उनके खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए गए,
- ईडी की जांच में कुछ भी गलत नहीं मिला,
- भाजपा 11 साल से उनके खिलाफ भ्रम फैलाती रही है।
राहुल गांधी फिट नहीं? — वाड्रा का पलटवार
वाड्रा ने कहा कि यदि चुनाव में जीत होती तो भाजपा ही राहुल गांधी को प्रधानमंत्री योग्य बता देती।
“राहुल-प्रियंका ने जीत भी देखी है, हार भी। आरोपों से ये लोग न कभी टूटे हैं, न टूटेंगे। इनका फोकस सिर्फ देश की प्रगति और धर्मनिरपेक्ष भारत पर है।”
उन्होंने बताया कि राहुल गांधी अभी भी बिहार में जनता के बीच हैं और लोगों का साथ उन्हें लगातार मिलता रहा है।
‘पीएम विदेश जाएं तो ठीक, राहुल जाएं तो राजनीति!’
राहुल गांधी के विदेश दौरों पर भाजपा के हमलों पर वाड्रा ने सवाल उठाया—
- “दिल्ली में बम धमाका होता है तो पीएम भूटान चले जाते हैं।”
- “राहुल किसी मित्र या परिवार से मिलने जाते हैं तो उन्हें निशाना बनाया जाता है।”
वाड्रा ने कहा कि असली मुद्दे—
- बेरोजगारी,
- महिलाओं की सुरक्षा,
- और निष्पक्ष चुनाव
हैं, लेकिन ध्यान भटकाने के लिए राजनीति की जाती है।
‘लोग गुस्से में हैं, लेकिन हिंसा समाधान नहीं’
नेपाल की तरह भारत में सत्ता-पलट या अराजकता की आशंका पर वाड्रा ने कहा कि वह हिंसा के सख्त खिलाफ हैं।
उन्होंने स्वीकार किया कि जनता में गुस्सा है, लेकिन विरोध शांतिपूर्ण होना चाहिए।
लालू परिवार की कलह पर बोले— ‘परिवार एकजुट रहे’
वाड्रा ने कहा कि वह लालू परिवार का सम्मान करते हैं और पारिवारिक मामलों पर टिप्पणी करना उचित नहीं।
उन्होंने कहा—
“सत्ता की राजनीति अलग है और परिवार अलग। हर परिवार को एकजुट रहना चाहिए।”
टीम बदलने का सवाल — ‘यह राहुल का फैसला’
राहुल गांधी को अपनी टीम बदलने की सलाह पर वाड्रा ने सीधे कहा—
- यह पूरी तरह राहुल का निर्णय होगा,
- वे सिर्फ जनता की आवाज़ राहुल और प्रियंका तक पहुंचाने का काम करते हैं।
वाड्रा ने अंत में कहा कि उनका परिवार देशहित के कामों में सदैव निडर और समर्पित रहेगा।