
जयपुर। राजस्थान में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) कार्य अपनी रफ्तार के लिए पूरे देश में सुर्खियों में है। 15 दिनों में 30.17% काम पूरा करते हुए राज्य 12 राज्यों में गोवा के बाद दूसरे स्थान पर है। लेकिन इस तेज प्रगति के बीच एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।
राजधानी जयपुर में बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) और सरकारी शिक्षक मुकेश जांगिड़ की आत्महत्या ने पूरे तंत्र को सवालों के घेरे में ला दिया है। मृतक शिक्षक ने सुसाइड नोट में अपने सुपरवाइजर पर गंभीर उत्पीड़न और नौकरी से निलंबन की धमकी देकर मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए।
शिक्षक संगठनों का फूटा गुस्सा, अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
घटना के बाद शिक्षक संगठनों में गहरा आक्रोश है।
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त एकीकृत महासंघ ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए आरोप लगाया कि SIR के नाम पर कई जिलों में स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी शिक्षकों पर अत्यधिक दबाव डाल रहे हैं।
महासंघ के प्रदेश महामंत्री विपिन शर्मा ने बताया कि शिक्षक स्कूलों में अध्यापन के साथ-साथ SIR का कार्य भी संभाल रहे हैं।
कई जगहों पर शिक्षकों से वास्तविक क्षमता से कई गुना अधिक लक्ष्य पूरे करवाए जा रहे हैं, जिसके कारण वे 12 से 18 घंटे तक काम करने को मजबूर हैं। मानसिक तनाव और अवसाद जैसी स्थितियों का खतरा बढ़ता जा रहा है।
मृतक BLO का मामला: भय में काम कर रहे कर्मचारी
महासंघ ने कहा कि मुकेश जांगिड़ की आत्महत्या की घटना ने पूरे प्रदेश के BLOs में भय का वातावरण पैदा कर दिया है।
संगठन ने मृतक के आरोपों का संज्ञान लेते हुए नामजद अधिकारियों के खिलाफ निलंबन और न्यायिक कार्रवाई की मांग की है।
शिक्षक व कर्मचारी संगठनों की प्रमुख मांगें
- मृतक BLO के सुसाइड नोट में नामित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई
- शिक्षकों की कार्य-संबंधी कठिनाइयों का समयबद्ध समाधान
- मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा
- परिवार के आश्रित को सरकारी नौकरी
- मैदान में कार्य कर रहे BLOs पर अनावश्यक दबाव रोका जाए
CEO ने दिए जिलों को निर्देश
घटना के बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि BLOs को आवश्यक संसाधन और सहयोग उपलब्ध कराया जाए ताकि
- डिजिटाइजेशन पर काम तेज रहे
- कर्मियों पर अतिरिक्त भार न बढ़े
महाजन के अनुसार, अब तक 1.65 करोड़ गणना प्रपत्र ईसीआईनेट पर अपलोड किए जा चुके हैं, जो राजस्थान की मजबूत प्रशासनिक तैयारी और BLOs की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
SIR कार्यक्रम का समय चक्र
- 04 नवंबर से 04 दिसंबर 2025: घर–घर गणना और सत्यापन
- 09 दिसंबर 2025: ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी
- 09 दिसंबर से 08 जनवरी 2026: दावे और आपत्तियाँ
- 07 फरवरी 2026: अंतिम मतदाता सूची प्रकाशन
क्या प्रशासनिक दबाव पर लगेगा ब्रेक?
तेज गति से आगे बढ़ते SIR अभियान के बीच यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि यदि कार्यबल पर दबाव बढ़ा रहा तो क्या गुणवत्ता और मानव संसाधन की सुरक्षा प्रभावित होगी।
शिक्षक संगठनों का कहना है कि प्रशासनिक मनमानी रोकने और शिक्षक हितों की रक्षा के लिए सरकार को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।
राजस्थान में SIR अभियान की सफलता जितनी महत्वपूर्ण है, उतना ही आवश्यक यह सुनिश्चित करना भी है कि यह रफ्तार किसी कर्मचारी की जान पर भारी न पड़े।