
शिवपुरी: ग्वालियर उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, शिवपुरी जिले के भौंती क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने वाली मूंगफली दाना मिलों को मई-जून 2025 में प्रशासन द्वारा सील कर दिया गया था। लेकिन, मिल संचालकों ने न्यायालय की शरण ली और उन्हें राहत मिल गई। उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि यदि मिल संचालक अपने प्लांट में फिल्टर और अन्य आवश्यक उपकरण स्थापित कर प्रदूषण नियंत्रण करते हैं, तो उन्हें संचालन की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, इसके बावजूद, कई मिल संचालक न्यायालय के आदेश का पालन किए बिना प्रदूषण फैला रहे हैं, जिससे स्थानीय लोग परेशान हैं।
मिलों के खिलाफ फिर से शिकायत दर्ज
भौंती क्षेत्र में स्थित कई मूंगफली मिलों के कारण प्रदूषण की समस्या बढ़ती जा रही है। हाल ही में 181 पर एक और शिकायत दर्ज कराई गई है, जिसमें स्थानीय निवासियों ने बताया कि इन मिलों के कारण हवा में धूल और प्रदूषण बढ़ गया है, जिससे उनकी सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि कई मिल संचालक फिल्टर और आवश्यक उपकरण लगाए बिना ही मिलों का संचालन कर रहे हैं, जो न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है।
मिलों का संचालन और उच्च न्यायालय का आदेश
उच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा था कि यदि मिल संचालक प्रदूषण नियंत्रण के लिए सभी आवश्यक उपकरण स्थापित करते हैं, तो उन्हें मिल संचालन की अनुमति दी जाएगी। लेकिन यदि वे इन आदेशों का पालन नहीं करते, तो उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। इसके बावजूद, भौंती में कई मिल संचालक बिना इन उपकरणों के मिल चला रहे हैं और प्रदूषण फैलाते जा रहे हैं।
संचालित मिलों की सूची
भौंती क्षेत्र में जिन मिलों के खिलाफ शिकायतें आई हैं, उनमें शामिल हैं:
- मां भगवती ट्रेडर्स, सिरसौद पिछोर रोड
- मां कैला देवी ट्रेडर्स, सिरसौद पिछोर रोड
- अमरनाथ ट्रेडर्स, महोबा रोड
- दीपक ट्रेडर्स, महोबा रोड
- खुशी ट्रेडर्स, भौंती
- शिवा ट्रेडर्स, महोबा रोड
- वैष्णवी ट्रेडर्स, महोबा रोड
- हरिशंकर अशोक कुमार, सिरसौद पिछोर रोड
- नंदिनी ट्रेडर्स, महोबा रोड
- श्री कृष्णा एण्ड संस, भयावन रोड
- गौरव गोयल, सेंट्रल बैंक के पास
एसडीएम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की भूमिका
प्रशासन ने इस मामले में पहले ही कई कदम उठाए थे। उपेंद्र भार्गव द्वारा नवंबर 2024 में पिछोर एसडीएम न्यायालय में दायर शिकायत के बाद उच्च न्यायालय ने एसडीएम और प्रदूषण विभाग को इस मामले की जांच करने का आदेश दिया। इसके बाद एसडीएम पिछोर ने सख्त कार्रवाई की और 25 अप्रैल 2025 को आदेश जारी किया कि इन मिलों को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए।
एसडीएम ममता शाक्य ने बताया, “शिकायत के बाद प्रशासन ने मई-जून 2025 में इन मिलों को बंद किया था। हालांकि, मिल संचालकों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की और फिल्टर व उपकरण लगाने के बाद संचालन की अनुमति प्राप्त की।”
मप्र प्रदूषण बोर्ड के जोन प्रभारी डीवीएस जाटव ने भी कहा, “कुछ मिलों में फिल्टर और आवश्यक उपकरण स्थापित हो गए हैं, लेकिन कुछ में अभी भी इनकी कमी है। मैंने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट भेज दी है।”
निष्कर्ष
भौंती क्षेत्र में मूंगफली मिलों से फैल रहे प्रदूषण की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है, और प्रशासन को अब इस पर कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है। उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद, अगर मिल संचालक नियमों का पालन नहीं करते, तो स्थानीय निवासियों की सेहत और पर्यावरण पर इसका और बुरा असर पड़ सकता है। इस मामले में प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को शीघ्र प्रभावी कदम उठाने होंगे ताकि आम जनता को राहत मिल सके।