
8 साल पुराने एनकाउंटर मामले में जिला न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश को किया निरस्त
जोधपुर/जयपुर: राजस्थान के चर्चित गैंगस्टर आनंदपाल सिंह एनकाउंटर मामले में जोधपुर की अदालत ने पुलिस अफसरों को बड़ी राहत दी है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने एसीजेएम (सीबीआई केस) कोर्ट के उस फैसले को निरस्त कर दिया, जिसमें आईपीएस राहुल बारहट समेत सात पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या का केस चलाने का आदेश दिया गया था।
पुलिस की जवाबी कार्रवाई में हुआ एनकाउंटर:
24 जून 2017 को चूरू जिले के मालासर में पुलिस ने आनंदपाल सिंह को घेरा। इसके पहले आनंदपाल के भाई रूपींद्र पाल सिंह और करीबी दोस्त देवेंद्र सिंह को हरियाणा से गिरफ्तार किया गया था। एनकाउंटर के समय आनंदपाल ने AK-47 से फायरिंग शुरू कर दी थी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में आनंदपाल ढेर हो गया। इस दौरान कमांडो सोहन सिंह और तत्कालीन इंस्पेक्टर सूर्यवीर सिंह भी घायल हुए थे।
सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर चुनौती:
एनकाउंटर के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई। सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट पेश की, जिसे आनंदपाल की पत्नी राज कंवर ने चुनौती दी। एसीजेएम कोर्ट ने पहले इस क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर आईपीएस राहुल बारहट समेत सात अफसरों के खिलाफ हत्या का केस चलाने के आदेश दिए थे।
राहत पाने वाले अफसर:
राहत पाने वालों में शामिल हैं:
- आईपीएस राहुल बारहट (तत्कालीन एसपी, चूरू)
- डिप्टी एसपी विद्या प्रकाश चौधरी
- इंस्पेक्टर सूर्यवीर सिंह राठौड़
- हैड कांस्टेबल कैलाश चंद्र
- कांस्टेबल धर्मवीर सिंह
- कांस्टेबल धर्मपाल
- कमांडो सोहन सिंह
फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील:
आनंदपाल की पत्नी राज कंवर के वकील भंवर सिंह ने कहा कि एसीजेएम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की जाएगी। उनका कहना है कि पुलिस के पक्ष में मौजूद सभी तथ्यों को नज़रअंदाज किया गया है।
संक्षेप में:
जोधपुर जिला न्यायालय का यह फैसला पुलिस के लिए राहत और लंबे समय से विवादित एनकाउंटर मामले में नई दिशा माना जा रहा है। अब हाईकोर्ट की सुनवाई के बाद ही अंतिम फैसला सामने आएगा।