Thursday, December 25

बिहार में प्लॉट पेपर की नकल अब पूरी तरह ऑनलाइन, 1 जनवरी से लागू

 

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पटना। बिहार में जमीन से जुड़े दस्तावेजों की प्रमाणित नकल अब पूरी तरह ऑनलाइन उपलब्ध होगी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने आदेश दिया है कि 1 जनवरी 2026 से चिरकुट और कागजी आवेदन पूरी तरह समाप्त होंगे। अब डिजिटल हस्ताक्षरित प्रतियां ही वैध मानी जाएंगी, जिससे प्रक्रिया तेज, पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त होगी।

 

विभाग के सचिव जय सिंह ने बताया कि अब तक रैयतों को दस्तावेज की प्रमाणित प्रति के लिए कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे और आवेदन प्रक्रिया में 7 से 14 दिन का समय लगता था। नए आदेश के तहत रैयत भू-अभिलेख पोर्टल पर जाकर आवश्यक शुल्क ऑनलाइन जमा कर वांछित दस्तावेज प्राप्त कर सकते हैं।

 

सचिव ने यह भी बताया कि यदि कोई दस्तावेज पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है, तो उसके लिए भी ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा। दस्तावेज उपलब्ध होते ही उसकी डिजिटल हस्ताक्षरित प्रति पोर्टल के माध्यम से ही आवेदक को मिल जाएगी।

 

उपमुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि यह कदम आम नागरिकों की सुविधा, पारदर्शिता और सुशासन की दिशा में बड़ा प्रयास है। अब लोगों को सत्यापित नकल के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और डिजिटल प्रतियां हर जगह मान्य होंगी।

 

इस पहल से बिहार में राजस्व सेवाएं सरल, तेज और भ्रष्टाचार-मुक्त बनेंगी।

 

 

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