
नई दिल्ली।
वैज्ञानिकों ने बिजली बनाने का एक अनोखा और बेहद क्रांतिकारी तरीका खोजा है। अगर यह तकनीक सफल हो गई तो बिजली का बिल लगभग जीरो हो सकता है, क्योंकि प्रोडक्शन लागत न के बराबर होगी। इस नई खोज में पृथ्वी की घूमने की गति और उसके मेग्नेटिक फील्ड का इस्तेमाल किया गया है।
कैसे काम करती है यह तकनीक?
अमेरिका के न्यू जर्सी में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी और नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के वैज्ञानिकों ने एक छोटी मशीन बनाई है। यह मशीन पृथ्वी के अपने मेग्नेटिक फील्ड में घूमने से बिजली उत्पन्न करती है। प्रारंभिक प्रयोग में यह मशीन सिर्फ कुछ माइक्रोवोल्ट बिजली बना पाई, लेकिन इसका मतलब है कि भविष्य में इसे बड़े पैमाने पर विकसित किया जा सकता है।
वैज्ञानिकों ने पाया कि पृथ्वी के अंदर गर्म धातु की हलचल से एक बड़ा मेग्नेटिक फील्ड बनता है। जब पृथ्वी घूमती है, तो यह क्षेत्र अंतरिक्ष में स्थिर रहता है। इस मेग्नेटिक फील्ड से गुजरने वाली कोई भी चीज बिजली उत्पन्न कर सकती है। हालांकि सामान्य परिस्थितियों में इलेक्ट्रॉनों की तेजी से जगह बदलने के कारण यह प्रभाव खत्म हो जाता है। प्रोफेसर क्रिस्टोफर एफ. चिबा और उनकी टीम ने एक खास तकनीक विकसित की, जिससे यह बाधा नहीं आती और बिजली बनती रहती है।
प्रयोग का तरीका और नतीजे
प्रयोग को अंडरग्राउंड रूम में किया गया, जहां बाहरी शोर कम था। वोल्टेज बहुत कम था, लेकिन इससे यह साबित हुआ कि पृथ्वी की गति से बिजली बनाई जा सकती है। बाद में सामान्य वातावरण में भी परीक्षण किया गया और नतीजा समान रहा। अभी बिजली की मात्रा बहुत कम है, लेकिन भविष्य में कई छोटे सिलेंडरों को जोड़कर अधिक वोल्टेज और बिजली पैदा की जा सकती है।
वैज्ञानिकों में बहस
यह प्रयोग शुरुआती चरण में है और कुछ वैज्ञानिक इसे सिद्धांत के तौर पर गलत मानते हैं। लेकिन यदि यह तकनीक सफल हुई और बड़े पैमाने पर लागू हुई, तो दूरदराज के सेंसर, उपकरण और छोटे डिवाइस बिना बैटरी के लगातार काम कर सकते हैं। प्रोफेसर चिबा ने कहा कि सबसे जरूरी है कि अन्य टीमें इस प्रयोग को दोहराएं या इसका सत्यापन करें।
निष्कर्ष:
यह खोज बिजली उत्पादन के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला सकती है। भविष्य में, अगर तकनीक बड़े पैमाने पर कामयाब होती है, तो मुफ्त बिजली की संभावना वास्तविक हो सकती है और बिजली बिल का सवाल समाप्त हो सकता है।