Friday, December 19

मक्का बेचकर लौटे किसान ने भाइयों से पैसे छिपाने को रची झूठी कहानी, अब खुद जाएगा जेल

खंडवा: जिले के पंधाना थाना क्षेत्र में सामने आई एक कथित लूट की वारदात कुछ ही घंटों में फर्जी साबित हो गई। चार महीने की मेहनत से उगाई गई मक्का की फसल बेचकर लौट रहे एक किसान ने अपने ही भाइयों से पैसे छिपाने के लिए खुद के साथ लूट की झूठी कहानी गढ़ दी। हालांकि पुलिस की सतर्कता और गहन जांच के आगे यह नाटक ज्यादा देर तक नहीं चल सका और किसान ने आखिरकार अपना जुर्म कबूल कर लिया।

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मिर्च पाउडर डालकर रचा लूट का ड्रामा

पुलिस के अनुसार ग्राम कोहदड़ निवासी किसान टंट्या पिता काशीराम बारेला ने गुरुवार रात करीब 9:30 बजे अपने भाइयों को फोन कर बताया कि खंडवा से मक्का बेचकर लौटते समय रेलवे मोरी के पास तीन–चार अज्ञात बदमाशों ने उसका रास्ता रोक लिया। किसान ने दावा किया कि बदमाशों ने उसकी आंखों में मिर्च पाउडर डालकर उससे 1 लाख 50 हजार रुपए लूट लिए और फरार हो गए।

दर्द, भीड़ और अफरा-तफरी का माहौल

किसान ने आंखों में तेज जलन की बात कहते हुए राहगीरों और मजदूरों से मदद मांगी। सूचना मिलते ही परिजन और ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। लूट की खबर फैलते ही वहां भीड़ जमा हो गई। पंधाना पुलिस भी तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। किसान दर्द से कराहता नजर आया, जिससे शुरुआती तौर पर मामला गंभीर प्रतीत हुआ।

CCTV जांच में खुला झूठ का पर्दाफाश

पुलिस ने रात में ही जांच शुरू कर आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, लेकिन किसी भी कैमरे में संदिग्ध बदमाश या बाइक सवार नजर नहीं आए। घटनास्थल पर मिर्च पाउडर तो मिला, लेकिन किसान की आंखों में मिर्च पाउडर के स्पष्ट निशान नहीं पाए गए। पास ही सफेद और लाल पाउडर का एक डिब्बा और नाश्ते का सामान पड़ा मिला, जिससे पुलिस को गहरी शंका हुई।

पुलिस की सख्ती के आगे टूट गया किसान

पंधाना थाना प्रभारी दिलीप देवड़ा ने बताया कि जब किसान से सख्ती से पूछताछ की गई तो वह ज्यादा देर तक झूठ नहीं बोल सका। उसने कबूल किया कि मक्का बेचकर मिले डेढ़ लाख रुपए वह अपने भाइयों के साथ साझा नहीं करना चाहता था। इसी लालच में उसने खुद पर मिर्च पाउडर डालकर लूट की झूठी कहानी रच दी।

अब किसान पर ही दर्ज होगी FIR

फर्जी लूट की शिकायत कर पुलिस को गुमराह करने के मामले में अब किसान के खिलाफ संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस का कहना है कि इस तरह की झूठी घटनाएं न सिर्फ कानून व्यवस्था पर अनावश्यक दबाव डालती हैं, बल्कि वास्तविक अपराधों की जांच को भी प्रभावित करती हैं। समय रहते साजिश का खुलासा कर पुलिस ने एक बड़ी फर्जी वारदात को नाकाम कर दिया।

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