
अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी है, और चीन लगातार उससे आगे निकलने की कोशिश में लगा है। लेकिन आंकड़े साफ दिखाते हैं कि चीन के लिए यह आसान नहीं होगा। टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के क्षेत्र में अमेरिका का दबदबा बरकरार है।
अमेरिका में 62 टेक कंपनियों का सालाना नेट प्रॉफिट 1 अरब डॉलर से अधिक है, जबकि चीन में ऐसी कंपनियों की संख्या केवल 15 है। यह स्पष्ट संकेत है कि चीन को अमेरिका को पछाड़ने के लिए अभी लंबा रास्ता तय करना है।
अगर चीन, जापान, ताइवान और यूरोजोन की शीर्ष टेक कंपनियों को भी जोड़ दें, तब भी अमेरिका अकेले इन सभी पर भारी पड़ता है। इन देशों में कुल 41 ऐसी कंपनियां हैं जिनका सालाना प्रॉफिट 1 अरब डॉलर से अधिक है।
दुनिया की दस सबसे बड़ी कंपनियों में से आठ अमेरिका की हैं। इनमें एनवीडिया, ऐपल, अल्फाबेट, माइक्रोसॉफ्ट, ऐमजॉन, मेटा प्लेटफॉर्म्स, टेस्ला और ब्रॉडकॉम शामिल हैं। इन सभी कंपनियों का मार्केट कैप 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है।
इनोवेशन में अमेरिका का जलवा
दुनिया की दस सबसे इनोवेटिव कंपनियों में से आठ अमेरिकी हैं। इस लिस्ट में सर्विसनाउ पहले, वर्कडे, सेल्सफोर्स, टेस्ला, ऐमजॉन, नेटफ्लिक्स और इनसाइट इसके बाद आते हैं। भारत की हिंदुस्तान यूनिलीवर आठवें और दक्षिण कोरिया की नेवर नौवें नंबर पर है। फेसबुक इस लिस्ट में दसवें स्थान पर है। यदि टॉप 25 इनोवेटिव कंपनियों की बात करें, तो 18 अमेरिका की कंपनियां हैं।
ये आंकड़े स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि अमेरिका की टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में बढ़त चीन के लिए चुनौतीपूर्ण है।
लेखक: दिल प्रकाश