Friday, December 19

कंपनियों ने भर दी सरकार की झोली, नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 8% उछाल, रिफंड में 13.52% गिरावट

इस वित्तीय वर्ष में सरकार के टैक्स कलेक्शन में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है। 1 अप्रैल से 17 दिसंबर 2025 तक देश का नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 8% बढ़कर 17.05 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह वृद्धि मुख्य रूप से कॉर्पोरेट टैक्स में लगातार इजाफा और कम रिफंड देने के कारण हुई है।

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डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का आंकड़ा

  • कुल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 4.16% की सालाना बढ़ोतरी के साथ 20.01 लाख करोड़ रुपये रहा।
  • कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन सबसे बड़ा योगदानकर्ता बना, जो 8,17,310 करोड़ रुपये तक पहुंचा, जबकि पिछले साल यह 7,39,353 करोड़ रुपये था।
  • व्यक्तियों और अन्य संस्थाओं से प्राप्त नेट नॉन-कॉर्पोरेट टैक्स 8,46,905 करोड़ रुपये रहा, पिछले साल 7,96,181 करोड़ रुपये।

रिफंड में गिरावट

इस अवधि में जारी किए गए रिफंड में 13.52% की कमी आई। रिफंड अब 2,97,069 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल यह 3,43,499 करोड़ रुपये था।

एडवांस टैक्स में बढ़ोतरी

  • कुल एडवांस टैक्स कलेक्शन में 4.27% की वृद्धि हुई, जो अब 7,88,388 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
  • कॉर्पोरेट एडवांस टैक्स में 8% की बढ़ोतरी हुई और यह 6,07,300 करोड़ रुपये रहा।
  • नॉन-कॉर्पोरेट टैक्सपेयर्स द्वारा भुगतान किए गए एडवांस टैक्स में 6.49% की गिरावट हुई और यह 1,81,088 करोड़ रुपये रहा।

जीएसटी में बड़े बदलाव

अप्रत्यक्ष करों में भी बदलाव हुए हैं। GST काउंसिल ने रेट रैशनलाइजेशन किया, जिसमें ड्यूटी स्ट्रक्चर को कम करना और अनुपालन को सख्त करना शामिल है। अब टैक्स की दरें मुख्य रूप से तीन स्लैब में हैं: 0%, 5%, और 18%, जबकि लग्जरी और सिन गुड्स पर विशेष 40% की दर लागू की गई है।

इस वित्तीय वर्ष के आंकड़े बताते हैं कि सरकार की टैक्स नीतियों और कंपनियों की भरपूर भागीदारी से वित्तीय ढांचा मजबूत हुआ है और देश की आमदनी बढ़ी है।

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