
नई दिल्ली: प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ते ही कमीशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने दिल्ली-एनसीआर में खुले में कूड़ा जलाने वालों के खिलाफ सख्ती बढ़ा दी है। CAQM ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के अधिकारियों को नए निर्देश जारी किए हैं और हर महीने की मंथली रिपोर्ट सबमिट करने को कहा है।
दिल्ली के लिए निर्देश:
- एमसीडी को दिसंबर 2027 तक कुल 143.09 लाख मीट्रिक टन लेगेसी वेस्ट खत्म करने का टारगेट दिया गया है।
- हर महीने करीब 3.5 लाख मीट्रिक टन कूड़ा प्रोसेस करने और इसकी रिपोर्ट सबमिट करने का निर्देश।
- सभी वेस्ट प्रोसेसिंग फैसिलिटी को बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है।
- कूड़े के संवेदनशील पॉइंट पर निगरानी बढ़ाने और वहां से कूड़े का निशुल्क ट्रांसपोर्टेशन करने को कहा गया है।
हरियाणा के लिए ऐक्शन प्लान:
- लेगेसी वेस्ट में गुरुग्राम, फरीदाबाद और अन्य जिलों में देरी पर ध्यान दिया गया।
- एमसीडी को 20 जनवरी तक गुरुग्राम से 14 लाख मीट्रिक टन कूड़ा प्रोसेस करने के टेंडर पूरा करने का निर्देश।
- बायोमाइनिंग 31 मार्च 2026 से शुरू होगी।
- फरीदाबाद में डीसेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग फैसिलिटी के लिए जमीन तलाशने और अप्रैल 2026 तक शुरू करने को कहा गया।
- बल्क वेस्ट जनरेटर को पूरे हरियाणा में कूड़ा प्रोसेसिंग करवानी होगी।
उत्तर प्रदेश के लिए निर्देश:
- GNIDA और गाजियाबाद नगर निगम को लेगेसी वेस्ट खत्म करने और मंथली एक्शन प्लान सबमिट करने के निर्देश।
- नोएडा अथॉरिटी, GNIDA और गाजियाबाद नगर निगम को डेटलाइन आगे न बढ़ाने और कूड़े के संवेदनशील पॉइंट की पहचान कर वहां से निशुल्क हटाने का निर्देश।
निष्कर्ष:
CAQM का यह कदम दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता सुधारने और खुले में कूड़ा जलाने को रोकने के लिए अहम माना जा रहा है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सख्ती से नियम लागू करें और प्रदूषण नियंत्रण में देरी न होने दें।