
मध्य प्रदेश के सतना जिले में लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए नायब तहसीलदार वीरेंद्र सिंह जायसूर को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपी अपनी कुर्सी पर बैठकर फरियादी से पैसे ले रहा था, तभी लोकायुक्त की टीम ने उसे दबोच लिया।
यह कार्रवाई रामपुर बाघेलान तहसील में हुई। मामला पुश्तैनी जमीन के बंटवारे और नामांतरण का था। शिकायतकर्ता आशुतोष सिंह ने बताया कि उनके पिता के नाम पर जमीन के बंटवारे के आदेश जारी होने थे। इस काम के एवज में नायब तहसीलदार ने कुल 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी।
लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज होने के बाद सत्यापन में नायब तहसीलदार ने पहले से 10 हजार रुपये ले लिए थे। इसके बाद लोकायुक्त की टीम ने बाक़ी रकम लेने के दौरान उन्हें रंगे हाथों दबोच लिया।
जैसे ही लोकायुक्त की टीम ने नायब तहसीलदार को गिरफ्तार किया, पूरे तहसील परिसर में हड़कंप मच गया। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर कागजी कार्रवाई की गई।
रीवा लोकायुक्त की इस कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया कि सरकारी पद का दुरुपयोग और रिश्वतखोरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस घटना से न केवल भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसने का संदेश गया, बल्कि आम लोगों का प्रशासन पर भरोसा भी मजबूत होगा।