
पटना/सूर्यकांत पाठक: बिहार की जीविका दीदियों को अब अपने उत्पाद बेचने के लिए केवल स्थानीय बाजारों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। उनकी बनाई हुई ड्रेसें जल्द ही ई-कॉमर्स वेबसाइटों के जरिए देशभर में पहुंचेंगी। इस बदलाव में उनकी मदद कर रही हैं नूपुर और हर्षिता, दो युवा फैशन विशेषज्ञ जो जीविका दीदियों के व्यवसाय को नई दिशा दे रही हैं।
छात्राएं बनीं जीविका दीदियों की मददगार
बिहार सरकार का प्रमुख कार्यक्रम जीविका ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार और आर्थिक-सामाजिक सशक्तिकरण के लिए प्रेरित कर रहा है। इस कार्यक्रम के तहत स्टिचिंग प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड की कमान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) को सौंपी गई है।
- नूपुर, NIFT 2015 बैच की छात्रा, इस कंपनी की CEO हैं।
- हर्षिता शर्मा, NIFT 2025 बैच की छात्रा, इस कंपनी की हेड डिजाइनर हैं।
हर्षिता के अनुसार, उनका कैंपस सिलेक्शन बेंगलुरु की कंपनी में हुआ था, लेकिन उन्होंने जीविका के साथ जुड़कर ग्रामीण महिलाओं को फैशन का प्रशिक्षण देना शुरू किया। अब तक 30,000 से अधिक जीविका दीदियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
प्रशिक्षण और ई-कॉमर्स के माध्यम से नई पहचान
कोइलवर और पटना में जानकी जीविका महिला स्टिचिंग प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के सेंटर संचालित हैं। इसके अलावा राज्य के 534 प्रखंडों में प्रशिक्षण सेंटर खोले गए हैं। इन सेंटरों पर दीदियों को राष्ट्रीय स्तर के फैशन ट्रेंड और सिलाई का प्रशिक्षण दिया जाता है।
जीविका के मुख्य कार्यपालक अधिकारी हिमांशु शर्मा के अनुसार, अब जीविका दीदियों द्वारा तैयार किए गए कपड़े ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। इसके लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से सहयोग किया जा रहा है और कंपनी का लोगो व वेबसाइट भी तैयार हो चुकी है।
नूपुर और हर्षिता की मेहनत से जीविका दीदियों का व्यवसाय न केवल बढ़ रहा है, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय पहचान भी मिल रही है। यह जोड़ी ग्रामीण महिलाओं के जीवन में आर्थिक स्वतंत्रता और आत्मविश्वास की नई राह खोल रही है।