Saturday, December 13

निकाय चुनाव से पहले बीजेपी का बड़ा अनुशासनात्मक एक्शन, वाशिम में 16 बागी नेता छह साल के लिए निलंबित

वाशिम। महाराष्ट्र में आगामी नगर निकाय चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने संगठनात्मक अनुशासन को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए बड़ा कदम उठाया है। वाशिम नगर परिषद चुनाव में पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ नामांकन दाखिल करने वाले 16 बागी नेताओं और पदाधिकारियों को भाजपा से छह वर्षों के लिए निलंबित कर दिया गया है। यह चुनाव 20 दिसंबर को होना है।

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यह कड़ी कार्रवाई भाजपा के जिलाध्यक्ष पुरुषोत्तम चितलांगे द्वारा की गई। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पार्टी नेतृत्व के निर्देशों की अवहेलना कर अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ना घोर अनुशासनहीनता है। पार्टी विरोधी गतिविधियों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संगठन की एकता और मजबूती बनाए रखने के लिए यह निर्णय अपरिहार्य था।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, संबंधित नेताओं को पहले ही चेतावनी दी गई थी और अनुशासन में रहने की हिदायत भी दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने पार्टी प्रत्याशियों के विरुद्ध नामांकन दाखिल किया। इसके बाद संगठन ने सख्त रुख अपनाते हुए निलंबन की कार्रवाई की।

निलंबित किए गए नेताओं में जिला सचिव करुणा कल्ले, महिला मोर्चा की जिला महामंत्री छाया पवार, पूर्व नगरसेवक प्रभाकर काले, पूर्व युवा मोर्चा अध्यक्ष वैभव उलेमाले, राजेश विश्वकर्मा, आशा खटके, गजानन ठेंगडे, पूर्व जिला उपाध्यक्ष धनंजय हेंद्रे, वाशिम शहर उपाध्यक्ष संगीता पिंजरकर, मदन राठी, मुकेश चौधरी, अनंत रंगभाल, उत्तर आघाड़ी प्रकोष्ठ प्रमुख सावंतसिंह ठाकूर, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सेल के प्रमुख सचिन पेंढारकर, महिला शहर उपाध्यक्ष अनिता इंगोले और गजू लांडगे शामिल हैं। इन नेताओं में महिला मोर्चा, युवा मोर्चा और विभिन्न प्रकोष्ठों के पदाधिकारी भी शामिल हैं।

भाजपा नेतृत्व ने साफ संदेश दिया है कि यह कार्रवाई केवल शुरुआत है। यदि भविष्य में कोई भी नेता या कार्यकर्ता पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाया गया, तो उसके खिलाफ इससे भी कठोर कदम उठाए जाएंगे। साथ ही, सभी कार्यकर्ताओं से अपील की गई है कि वे संगठनात्मक निर्णयों का सम्मान करते हुए अधिकृत उम्मीदवारों के समर्थन में एकजुट होकर कार्य करें।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नगर परिषद चुनाव से ठीक पहले की गई यह कार्रवाई भाजपा द्वारा अनुशासन को प्राथमिकता देने और संगठन को मजबूत करने की रणनीति का स्पष्ट संकेत है।

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