Saturday, December 13

मेरठ में 37 लाख का गांजा तस्करी रैकेट बेनकाब, इनवर्टरों के भीतर छिपाकर लाई जा रही थी खेप

मेरठ। दौराला क्षेत्र में पुलिस और नारकोटिक्स विभाग की संयुक्त कार्रवाई में नशा तस्करी के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। सिवाया टोल प्लाजा पर चेकिंग के दौरान टीम ने चार तस्करों को गिरफ्तार कर 12 इनवर्टरों के भीतर छिपाकर लाई जा रही करीब 37 लाख रुपये कीमत की गांजा की खेप बरामद की है। तस्करों ने इनवर्टरों की बॉडी को काटकर अंदर तार और बैटरी की जगह गांजा भर रखा था, ताकि यह सामान्य इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसा दिखे और स्कैनिंग में पकड़ में न आए।

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पुलिस के अनुसार, ओडिशा से मेरठ में बड़ी मात्रा में नशा सप्लाई होने की पुख्ता सूचना पहले से मौजूद थी। इसी आधार पर सुबह सिवाया टोल प्लाजा पर सघन चेकिंग अभियान चलाया गया। इसी दौरान एक वॉल्वो बस से उतरते हुए दो युवक संदिग्ध बैगों में इनवर्टर उतारते दिखे, जबकि पास ही दो अन्य युवक उन बैगों का इंतजार कर रहे थे। चारों की गतिविधियां और इनवर्टरों को लेकर उनकी असामान्य सतर्कता पुलिस को खटक गई। घेराबंदी कर जब सभी को रोका गया और बैगों की जांच की गई, तो सच्चाई सामने आ गई।

पूछताछ में सामने आया कि गांजा ओडिशा के जयपुर क्षेत्र से खरीदा गया था और मेरठ में इसकी सप्लाई की जानी थी। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मोहर्रम (इसा गांव, मुजफ्फरनगर), साजिद (तिस्सा गांव, भोपा), अकदस (इसा गांव) और अरविंद उर्फ भूरा (दौराला नगर पंचायत, मेरठ) के रूप में हुई है। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि भूरा स्थानीय स्तर पर गिरोह का मुख्य संपर्क बिंदु है, जबकि अन्य तीन आरोपी ओडिशा से माल लाने का काम करते थे।

सीओ दौराला प्रकाश चंद्र अग्रवाल ने बताया कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो सहित अन्य एजेंसियां अब पूरे नेटवर्क की तह तक जाने में जुटी हैं। जांच का मुख्य फोकस इस बात पर है कि मेरठ में यह गांजा किन बड़े खरीदारों तक पहुंचना था और इसके पीछे कौन-कौन से सप्लायर सक्रिय हैं। फिलहाल चारों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

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