
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का इतिहास और संस्कृति इसे भारत के सबसे खास शहरों में शामिल करती है। ‘नवाबों का शहर’ के नाम से मशहूर यह नगरी शिराज-ए-हिंद और पूर्व का गोल्डन सिटी भी कहलाती है। यह शहर अपने अद्भुत सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और वास्तुशिल्प धरोहर के लिए जाना जाता है।
लखनऊ का प्राचीन इतिहास:
लखनऊ का नाम प्राचीन समय में ‘लखनपुरी’ था, जिसे भगवान राम के भाई लक्ष्मण के सम्मान में रखा गया। शहर की जड़ें सूर्यवंशी राजवंश और कोसल के प्राचीन महाजनपद तक जाती हैं। 1350 ईस्वी के बाद यह क्षेत्र कई शासकों के अधीन रहा – दिल्ली सल्तनत, मुगल साम्राज्य, अवध के नवाब और ब्रिटिश राज।
नवाबों का योगदान:
अवध के नवाबों ने लखनऊ को कला, संस्कृति और वास्तुकला का केंद्र बनाया। नवाब आसफ-उद-दौला और नवाब सादत अली खान ने भव्य महल, बड़े इमामबाड़ा और बिबियापुर कोठी बनवाई। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में लखनऊ की महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिससे इसकी ऐतिहासिक महत्ता और बढ़ गई।
आधुनिक लखनऊ:
आज का लखनऊ शिक्षा, प्रशासन, व्यापार और संस्कृति का प्रमुख केंद्र है। शहर के ऐतिहासिक स्मारक जैसे बड़ा इमामबाड़ा, पारंपरिक अवधी व्यंजन, और स्थानीय कला-परंपरा पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। आधुनिक सुविधाओं में मेट्रो, शॉपिंग मॉल और आवासीय परिसरों का विकास भी शामिल है।
रोचक तथ्य:
- लखनऊ की उत्पत्ति सूर्यवंशी राजवंश से जुड़ी है।
- अवध की राजधानी शुरू में फैजाबाद थी, लेकिन 1775 में नवाब आसफ-उद-दौला ने लखनऊ को राजधानी बनाया।
- शहर की भव्य वास्तुकला और सांस्कृतिक विरासत महलों, इमामबाड़ा और कर्बला में दिखाई देती है।
- ब्रिटिश काल में कई स्मारक 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में नष्ट हो गए।
- आज का लखनऊ आधुनिकता और परंपरा का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है।
लखनऊ का अतीत और वर्तमान का मेल इसे उत्तर भारत का नगरीय पुनर्जागरण का जीवंत उदाहरण बनाता है।