Friday, December 12

रेडिट ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार को कोर्ट में घसीटा, बच्चों के सोशल मीडिया बैन के फैसले को चुनौती

सिडनी: ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया को बैन करने के फैसले को चुनौती देते हुए रेडिट ने देश की सबसे बड़ी अदालत में मुकदमा दर्ज किया है। कंपनी का कहना है कि यह कानून लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी में दखल डालता है और ऑस्ट्रेलिया के संविधान के खिलाफ है।

This slideshow requires JavaScript.

क्यों है विवाद:
नए कानून के अनुसार, 16 साल से कम उम्र का कोई भी बच्चा YouTube, TikTok, Reddit या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। उल्लंघन करने पर कंपनियों पर 49.5 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का जुर्माना लगाया जाएगा।

रेडिट का पक्ष:
रेडिट ने अदालत में दो मुख्य तर्क रखे हैं:

  1. यह कानून लोगों के संवाद और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करता है।
  2. अगर कोर्ट इसे वैध मानती भी है, तो रेडिट को इससे छूट मिलनी चाहिए, क्योंकि रेडिट का प्लेटफॉर्म इस कानून के ढांचे में पूरी तरह फिट नहीं बैठता।

सरकार की प्रतिक्रिया:
ऑस्ट्रेलियाई संचार मंत्री अनिका वेल्स ने स्पष्ट किया कि सरकार का पक्ष माता-पिता के साथ है, न कि सोशल मीडिया कंपनियों के साथ। स्वास्थ्य मंत्री मार्क बटलर ने रेडिट की आलोचना करते हुए कहा कि यह मुकदमा केवल मुनाफे के लिए किया गया है। उन्होंने इसे तंबाकू कंपनियों के पुराने मुकदमों से जोड़कर देखा। सरकार ने साफ किया कि वह इस फैसले के पक्ष में हर कदम पर लड़ेगी।

बच्चों की प्रतिक्रिया:
सरकार के इस फैसले से 16 साल से कम उम्र के बच्चों में नाराजगी देखी गई है। Australian Broadcasting Corporation के सर्वे के अनुसार कई बच्चों ने इसे उनकी जिंदगी में दखल बताया। उनका मानना है कि सोशल मीडिया के इस्तेमाल का निर्णय माता-पिता को करना चाहिए, न कि सरकार को। कुछ बच्चों ने इसे दिव्यांग बच्चों के साथ भेदभाव वाला भी बताया और सुझाव दिया कि बैन 13 साल से कम उम्र तक ही लागू होना चाहिए।

निष्कर्ष:
यह मामला ऑस्ट्रेलिया में सोशल मीडिया और बच्चों की सुरक्षा के बीच अंतरसंबंध और कानून की सीमाओं को लेकर बहस का नया मोड़ ले आया है। अब अदालत की प्रक्रिया तय करेगी कि सरकार का यह फैसला कितनी हद तक संवैधानिक है।

Leave a Reply