
नई दिल्ली: शेयर बाजार इस समय ऐतिहासिक ऊंचाई पर ट्रेड कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद कई कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है। जिन कंपनियों को पहले बम्पर रिटर्न देने वाला माना जाता था, उनके निवेशक इस साल ‘धोखा’ खा गए हैं। पिछले पांच साल में लगातार शानदार प्रदर्शन करने वाले 127 शेयरों ने इस साल निगेटिव रिटर्न दिया है। इनमें से कई कंपनियां, जो कभी शेयर बाजार की ‘हीरो’ मानी जाती थीं, अब घाटे में चल रही हैं।
निगेटिव रिटर्न देने वाली प्रमुख कंपनियां:
- राजू इंजीनियर्स
2023 में राजू इंजीनियर्स के शेयरों में 628% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई थी, जबकि पिछले साल भी लगभग 200% की बढ़ोतरी हुई थी। लेकिन इस साल इसमें 68% की गिरावट आई है। - तेजस नेटवर्क्स
तेजस नेटवर्क्स, जो 2020 से लगातार मुनाफा दे रही थी, इस साल इसके शेयरों में 58% की गिरावट आई है। टेलीकॉम और नेटवर्किंग सेक्टर की यह कंपनी इस साल निवेशकों को निराश कर रही है। - ट्रेंट
टाटा ग्रुप की रिटेल कंपनी ट्रेंट ने 2024 में 130% से ज्यादा रिटर्न दिया था, लेकिन इस साल इसमें 40% की गिरावट आई है। - लोटस
चॉकलेट बनाने वाली कंपनी लोटस ने 2021 में 483% और 2024 में 358% का शानदार रिटर्न दिया था, लेकिन इस साल इसकी कीमत में 39% की गिरावट आई है। - जुपिटर वैगन्स
रेलवे सेक्टर की जानी-मानी कंपनी जुपिटर वैगन्स के शेयरों में 2023 में लगभग 250% की बढ़ोतरी हुई थी, लेकिन इस साल इसमें 43% की गिरावट आई है। - आरवीएनएल (RVNL)
आरवीएनएल, जो पिछले कुछ सालों में अच्छा प्रदर्शन करने वाली कंपनियों में शुमार थी, इस साल इसके शेयरों में 28% की गिरावट आई है। - केईसी इंटरनेशनल और टीटागढ़ रेल सिस्टम्स
इन दोनों कंपनियों के शेयरों में भी इस साल तेजी की कमी रही है और इनकी कीमत में गिरावट आई है।
गिरावट के कारण:
इस गिरावट का मुख्य कारण यह माना जा रहा है कि शेयर बाजार में पहले की तरह अंधाधुंध तेजी का दौर खत्म हो रहा है और अब कंपनियों के असली प्रदर्शन पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। कई कंपनियों ने पिछले कुछ सालों में बेहतरीन ग्रोथ दिखाई थी, लेकिन अब उनके शेयरों में गिरावट देखी जा रही है।
उदाहरण के तौर पर, पीजी इलेक्ट्रोप्लास्ट के शेयरों में 2024 में 300% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई थी, लेकिन इस साल इनमें 40% की गिरावट आई है। इसी तरह केपीआई ग्रीन एनर्जी के शेयरों में भी 21% गिरावट आई है। सुजलॉन के शेयरों में 2023 में 260% की बढ़ोतरी हुई थी, लेकिन इस साल 13% की गिरावट आई है।
कंपनियों के विकास और गिरावट के बीच का अंतर:
कोटक महिंद्रा एएमसी के एमडी नीलेश शाह ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि अक्सर स्मॉलकैप कंपनियों में निवेशक बहुत ज्यादा उम्मीदें लगा लेते हैं, क्योंकि वे थोड़े समय में बहुत बड़ी ग्रोथ दिखाती हैं। अगर कोई कंपनी दो साल तक 50% की दर से बढ़ती है, तो लोग मान लेते हैं कि अगले 10 साल तक भी वह कंपनी इसी दर से बढ़ती रहेगी। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि कोई भी स्मॉलकैप कंपनी हमेशा तेजी से बढ़ती रहे। कंपनी का आकार और उसके पास मौजूद संसाधन भी बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
निष्कर्ष:
इस साल शेयर बाजार में कुछ कंपनियों ने अपने निवेशकों को निराश किया है। यह गिरावट इस बात का संकेत है कि अब निवेशकों को केवल शेयरों की बढ़त के आधार पर ही निर्णय नहीं लेना चाहिए, बल्कि कंपनी के असली प्रदर्शन और उसके भविष्य की दिशा पर भी ध्यान देना चाहिए। बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद, यह आवश्यक है कि निवेशक समझदारी से अपना निर्णय लें और अपनी निवेश रणनीतियों को सही तरीके से बनाएं।
