
नई दिल्ली: हायर एजुकेशन के लिए भारतीय छात्रों के बीच कनाडा और अमेरिका दोनों ही देश सबसे लोकप्रिय हैं। जहां कनाडा में लगभग 4.27 लाख भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, वहीं अमेरिका में यह संख्या 2.55 लाख से अधिक है। दोनों देशों में स्टूडेंट्स को डिग्री लेने के बाद काम करने का अवसर मिलता है, लेकिन नियम और वर्क परमिट अलग-अलग हैं।
अमेरिका का OPT (Optional Practical Training):
- डिग्री के बाद स्टूडेंट्स को 1 साल तक जॉब करने की अनुमति।
- STEM (Science, Technology, Engineering, Mathematics) फील्ड के छात्रों को 24 महीने की एक्सटेंशन, यानी कुल 3 साल तक काम करने का मौका।
- जॉब केवल कोर्स से संबंधित क्षेत्र में ही करना होगा।
- H-1B वीजा पाने के लिए लॉटरी पर निर्भर रहना पड़ेगा।
- अमेरिका में OPT पर काम करने वाले छात्रों को सैलरी अच्छी मिलती है, लेकिन स्थिरता और PR तक पहुँचने में लंबा समय लगता है।
कनाडा का PGWP (Post Graduation Work Permit):
- डिग्री के अनुसार 1 से 3 साल तक जॉब करने की अनुमति।
- किसी भी कंपनी और किसी भी फील्ड में काम करने की पूर्ण स्वतंत्रता।
- PGWP पर काम करने वाले स्टूडेंट्स कैनेडियन एक्सपीरियंस क्लास (CEC) के जरिए 1-2 साल में परमानेंट रेजिडेंसी (PR) पा सकते हैं।
- सैलरी OPT की तुलना में थोड़ी कम हो सकती है, लेकिन स्थिरता और PR की गारंटी अधिक।
- STEM नहीं करने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी PGWP बेहतर विकल्प है।
कौन सा बेहतर है?
- OPT उन छात्रों के लिए बेहतर है, जो STEM फील्ड में पढ़ाई करना चाहते हैं और उच्च सैलरी के साथ अमेरिका में काम करने का अनुभव चाहते हैं।
- PGWP उन छात्रों के लिए बेस्ट है, जिनका लक्ष्य कनाडा में स्थायी रूप से बसना है। यहां PR हासिल करना आसान है और नौकरी की स्थिरता भी अधिक है।
निष्कर्ष: स्टूडेंट्स को अपने करियर गोल, फील्ड और स्थायी निवास की योजना के आधार पर निर्णय लेना चाहिए। STEM फील्ड और उच्च सैलरी के लिए अमेरिका का OPT, जबकि स्थायी निवास और नौकरी की स्थिरता के लिए कनाडा का PGWP सबसे उपयुक्त विकल्प है।