
नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने स्पष्ट किया है कि वह ‘वीर सावरकर इंटरनेशनल इम्पैक्ट अवॉर्ड 2025’ स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने आयोजकों पर आरोप लगाया कि उनका नाम उनकी अनुमति के बिना पुरस्कार विजेताओं की सूची में डाला गया।
थरूर ने कहा, “मुझे मीडिया रिपोर्ट्स से ही पता चला कि मुझे इस अवॉर्ड के लिए चुना गया है। मुझे इसकी कोई पूर्व जानकारी नहीं थी और न ही मैंने इसे स्वीकार किया है। आयोजकों का मेरी सहमति के बिना नाम घोषित करना पूरी तरह गैर-जिम्मेदाराना है।”
उन्होंने आगे कहा, “अवार्ड की प्रकृति, आयोजन संस्था या किसी अन्य विवरण के बिना मेरे इस कार्यक्रम में शामिल होने या अवॉर्ड स्वीकार करने का कोई सवाल ही नहीं उठता।”
HRDS इंडिया के सचिव अजी कृष्णन ने दावा किया कि संगठन ने थरूर को पहले ही सूचित किया था। हालांकि थरूर ने बताया कि HRDS इंडिया के प्रतिनिधि और जूरी चेयर उनके घर आए और आमंत्रण दिया, लेकिन उन्होंने अन्य पुरस्कार विजेताओं की सूची मांगने के बाद ही निर्णय लिया।
इस विषय पर केरल के कानून मंत्री पी. राजीव ने कहा कि अवॉर्ड स्वीकार करना या ठुकराना पूरी तरह थरूर का व्यक्तिगत निर्णय है।