Friday, November 14

दिल्ली ब्लास्ट: लाल किला ही नहीं, 7 जगहों पर थी धमाके की साजिश, संसद भी निशाने पर

नई दिल्ली: 10 नवंबर की शाम दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों के मुताबिक, आतंकियों का निशाना वीवीआईपी इलाका और आगामी संसद का शीतकालीन सत्र (1-19 दिसंबर) था। मॉड्यूल की योजना थी कि देशभर में 38 गाड़ियों से एक साथ ब्लास्ट किया जाए। इस साजिश के तार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) से भी जुड़े पाए गए हैं।

मुख्य घटनाक्रम और साजिश का खुलासा

  • मुख्य साजिशकर्ता डॉ. उमर ब्लास्ट से एक रात पहले हरियाणा के मेवात गए थे। सीसीटीवी फुटेज में वे रात 1:36 बजे टोल प्लाजा से विस्फोटक से भरी कार लेकर गुजरते दिखाई दिए।
  • पूछताछ में पकड़े गए आरोपी डॉ. मुजम्मिल और डॉ. आदिल ने बताया कि मॉड्यूल का मुख्य लक्ष्य संसद और वीवीआईपी इलाके थे। डॉ. उमर ने संसद भवन और कॉन्स्टीट्यूशन क्लब की रेकी की थी।
  • योजना के अनुसार सत्र के दौरान विस्फोटक से लदी कार को संसद के पास पहुंचाया जाना था।

38 गाड़ियों से ब्लास्ट की साजिश

  • इस नेटवर्क के तहत देशभर में 38 गाड़ियों का इस्तेमाल करने की योजना थी।
  • अभी तक हुंडई i20, लाल रंग की Ford EcoSport, और ब्रेजा कारें जब्त की गई हैं।
  • दिल्ली में 7 जगहों पर बड़े धमाकों की तैयारी की गई थी और विस्फोटक सामग्री कई ठिकानों से जुटाई गई थी।

मेवात और अलीगढ़ तक जांच

  • स्पेशल सेल ने मेवात में कई छापेमारी की। डॉ. मुजम्मिल की निशानदेही पर अमोनियम नाइट्रेट तैयार करने के लिए फर्टिलाइजर खरीदी गई दुकानों की पहचान हुई।
  • अलीगढ़ में तीन छात्र डॉ. उमर और डॉ. मुजम्मिल के संपर्क में पाए गए। एजेंसियां यह पता लगा रही हैं कि क्या उनका भी इस साजिश में कोई योगदान था।

घटनाक्रम और गिरफ्तारी

  • जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 21 अक्टूबर से मॉड्यूल के कई सदस्यों की पहचान की थी। 9 नवंबर को फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डॉ. मुजम्मिल और डॉ. आदिल को गिरफ्तार किया।
  • डॉ. उमर ने विस्फोटकों से भरी कार को छिपाने की कोशिश की, लेकिन वह बदरपुर बॉर्डर पार कर दिल्ली में घुसा। धमाका लाल किले के पास पार्किंग में हुआ।

डायरी और कोड वर्ड्स से खुल रही पूरी साजिश

  • तलाशी में तीन डायरी बरामद हुईं – एक डॉ. उमर की और दो डॉ. मुजम्मिल की।
  • इन डायरी में ब्लास्ट की पूरी ब्लूप्रिंट, नेटवर्क और कोड वर्ड्स दर्ज थे।
  • एजेंसियां अब इन नोट्स को डिकोड कर आगे की साजिश और अन्य संदिग्धों का पता लगा रही हैं।

विशेष जानकारी: यह टेरर ग्रुप पिछले दस साल से मॉड्यूल बनाने और बड़े ब्लास्ट की योजना पर काम कर रहा था। डॉ. मुजम्मिल यूनिवर्सिटी के पास ही किराए के मकान में रहता था, जहां से विस्फोटक, असॉल्ट राइफल, पिस्टल और गोला-बारूद बरामद हुए।

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