
भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार की 103वीं जयंती (11 दिसंबर) पर उनकी निजी जिंदगी से जुड़ा एक दर्दनाक अध्याय फिर चर्चा में है। अपनी आत्मकथा ‘Dilip Kumar: The Substance and the Shadow’ में उन्होंने बताया था कि कैसे उनकी बहनों ने न केवल सायरा बानो के साथ उनके रिश्ते में खटास ला दी, बल्कि दबाव डालकर उनकी दूसरी शादी तक करवा दी।
शादी के बाद सायरा की जिंदगी क्यों बनी ‘नरक’?
1966 में जब 44 वर्ष के दिलीप कुमार ने 22 वर्षीय सायरा बानो से शादी की, तो पूरी इंडस्ट्री ने इस जोड़ी का स्वागत किया। लेकिन दिलीप के घर के अंदर हालात बिल्कुल अलग थे।
दिलीप कुमार की 11 भाई-बहनों और उनके परिवारों का पूरा भार उन्हीं पर था, और घर में उनकी बहन सकीना का दबदबा सबसे ज्यादा था।
सायरा के घर में आते ही माहौल बदल गया। बहनें उन्हें स्वीकारने को तैयार नहीं थीं।
छोटी-छोटी बातों में भी जानबूझकर उन्हें परेशान किया जाता—
- सायरा के नहाने का समय होते ही बहनें शावर पर कब्जा कर लेतीं।
- मेहमानों के सामने बदसलूकी और ताने दिए जाते।
- घर में उनका रहना ‘बोझ’ की तरह महसूस कराया जाता।
इन तनावपूर्ण हालातों ने सायरा को गंभीर बीमारियों में धकेल दिया और उन्हें लंदन में अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
दूसरी शादी—बहनों के दबाव का नतीजा
अपनी किताब में दिलीप कुमार ने स्वीकार किया है कि बहनों के लगातार दबाव और घर के तनावपूर्ण माहौल में वह 1980 के दशक में अस्मा रहमान से दूसरी शादी जैसे गलत फैसले की ओर धकेल दिए गए।
सायरा को जब यह बात पता चली, तो दिलीप कुमार ने अस्मा से तलाक ले लिया।
‘मेरी फैमिली मुझे किसी के साथ बांट नहीं सकती’—दिलीप कुमार
अपनी किताब में उन्होंने लिखा—
“अगर मैं सातवें आसमान की हूर भी घर लाऊं, तब भी मेरा परिवार उसे स्वीकार नहीं कर पाएगा।”
उन्होंने शादी से पहले ही सायरा को चेताया था कि घर का माहौल कठिन होगा और उन्हें तैयार रहना होगा।
सायरा के प्रति परिवार का रवैया देखकर हैरान थे दिलीप
दिलीप ने बताया कि—
- उनकी बहनें न सिर्फ सायरा को पसंद नहीं करती थीं, बल्कि उनके लिए घरेलू माहौल जानबूझकर जहरीला बनाया गया।
- मनोज कुमार एक बार अपनी पत्नी के साथ घर आए थे, तब सायरा को बहन ने मेहमानों के सामने ही अपमानित कर दिया।
हालात इतने बिगड़ गए कि दिलीप और सायरा को घर बदलना पड़ा ताकि तनाव से दूर एक सामान्य जीवन जिया जा सके।
परिवार का दबदबा, प्रेम की परीक्षा
दिलीप कुमार ने स्वीकार किया कि उनकी बहनों का प्रभाव इतना ज्यादा था कि वे अपनी शादी और पत्नी को सुरक्षित रखने में असफल हो रहे थे।
परंतु तमाम तूफानों से गुजरकर भी सायरा बानो अंत तक दिलीप कुमार की सबसे मजबूत सहारा बनी रहीं।