
कोटा, राजस्थान। राजस्थान के सरकारी स्कूलों के छात्रों और शिक्षकों के लिए शिक्षा व्यवस्था में नया नवाचार लागू किया गया है। अब सप्ताह में एक दिन छात्रों और स्कूल स्टाफ को स्थानीय वेशभूषा (गहनों को छोड़कर) पहनकर स्कूल आने की अनुमति होगी। यह निर्णय प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने भारत सरकार के प्रस्ताव पर सहमति जताकर लिया है।
नवाचार का उद्देश्य
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बताया कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य स्कूलों में सांस्कृतिक जागरूकता और लोक संस्कृति के संरक्षण को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि यह कदम विद्यार्थियों और शिक्षकों में अपने राज्य की सांस्कृतिक पहचान और परंपराओं के प्रति जागरूकता बढ़ाएगा।
भारत सरकार का प्रस्ताव
भारत सरकार के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने राज्य सरकार को पत्र भेजकर सुझाव दिया था कि सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के छात्र और स्टाफ सप्ताह में एक दिन स्थानीय वेशभूषा पहनें, जिससे लोक संस्कृति और वस्त्र विरासत का संरक्षण सुनिश्चित हो सके।
सरकार ने यह भी कहा कि हथकरघा वस्त्र को नियमित रूप से स्कूल और विश्वविद्यालय की ड्रेस में शामिल करने से बच्चों और युवाओं में भारत की वस्त्र विरासत के प्रति गहरा संबंध विकसित होगा।
शिक्षा मंत्री का संदेश
मदन दिलावर ने भारत सरकार के सुझाव का स्वागत करते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस नवाचार को राज्य के सभी स्कूलों में प्रभावी रूप से लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ाएगी, बल्कि विद्यार्थियों और शिक्षकों में परंपरा के प्रति सम्मान और गर्व की भावना भी उत्पन्न करेगी।
निष्कर्ष: राजस्थान के स्कूलों में सप्ताह में एक दिन स्थानीय पोशाक में स्कूल आने की छूट छात्रों और शिक्षकों के लिए एक नई सांस्कृतिक पहल साबित होगी, जो राज्य की परंपरा और लोक संस्कृति के संरक्षण में महत्वपूर्ण कदम होगी।