
वाराणसी। गंगा की लहरों पर अब पर्यटक हरित और स्वच्छ नौकायन का आनंद ले सकेंगे। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर द्वारा डिजाइन किए गए हाइड्रोजन इंजन वाले देश के पहले स्वदेशी जलयान का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनेवाल ने नमो घाट पर किया।
जलयान की विशेषताएँ
- यह जलयान पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित है।
- पर्यावरण अनुकूल: इंजन हाइड्रोजन ईंधन से चलता है, जिससे कोई धुआं या ध्वनि प्रदूषण नहीं होता।
- आवश्यकता पड़ने पर इसमें इलेक्ट्रिक इंजन भी है, जिससे हाइड्रोजन खत्म होने पर भी जलयान संचालित किया जा सकता है।
- एक बार में 50 पर्यटक इस जलयान में बैठ सकते हैं।
संचालन और मार्ग
जलयान को दिन में कुल 4 बार नमो घाट से रविदास घाट तक चलाया जाएगा। इसमें सुबह और शाम के नौकायन के अलावा पर्यटक गंगा आरती का आनंद भी ले सकेंगे।
भविष्य की योजनाएँ
- मौजूदा जलयान के अलावा ऐसे 5 और जलयान जल्द ही नमो घाट से चलाने के लिए तैयार हैं।
- मांग बढ़ने पर इस सुविधा का विस्तार किया जाएगा।
- यह जलयान पर्यटकों को आरामदायक और प्रदूषण मुक्त नौकायन की सुविधा प्रदान करेगा।
केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनेवाल ने उद्घाटन अवसर पर कहा कि यह जलयान हरी ऊर्जा और स्वदेशी तकनीक के लिए एक बड़ा कदम है।