Friday, December 12

‘गोल्ड कार्ड’ से स्टूडेंट्स को अमेरिका में PR, ट्रंप ने समझाया नया रास्ता

वॉशिंगटन: अमेरिका में पढ़ाई करने वाले टॉप विदेशी छात्रों के लिए अब एक बड़ा बदलाव आ रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘ट्रंप गोल्ड कार्ड वीजा’ लॉन्च किया है, जो ग्रीन कार्ड की तुलना में ज्यादा शक्तिशाली और तेज़ मार्ग प्रदान करता है। इस वीजा के जरिए कंपनियां अमेरिका में टॉप ग्रेजुएट स्टूडेंट्स को देश में ही रोक पाएंगी और उन्हें लंबे समय तक रोजगार दे सकेंगी।

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मौजूदा सिस्टम की समस्या:
अमेरिका में वर्तमान इमिग्रेशन नियमों के तहत स्टूडेंट्स को पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने देश लौटना पड़ता है। कंपनियां अच्छे स्टूडेंट्स को नौकरी पर रखने में असमर्थ रहती हैं, क्योंकि वीजा और ग्रीन कार्ड के जटिल नियम उनके सामने बाधा डालते हैं। ट्रंप ने कहा, “आप नंबर वन बनकर ग्रेजुएट होते हैं, लेकिन देश में रहने की कोई गारंटी नहीं होती। यह व्यवस्था विदेशी छात्रों के लिए बेहद कठिन है।”

गोल्ड कार्ड वीजा का तरीका:
ट्रंप ने बताया कि इस नए वीजा के तहत कंपनियां टॉप यूनिवर्सिटीज जैसे व्हार्टन, हार्वर्ड, MIT और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से स्टूडेंट्स को भर्ती कर सकती हैं। कंपनियां स्टूडेंट्स के लिए गोल्ड कार्ड खरीदेंगी, जिससे वे अमेरिका में स्थायी रूप से रह सकेंगे। प्रत्येक गोल्ड कार्ड के लिए कंपनियों को लगभग 2 मिलियन डॉलर देना होगा।

टॉप स्टूडेंट्स के लिए फायदा:

  • गोल्ड कार्ड ग्रीन कार्ड से बेहतर और तेज़ विकल्प है।
  • अमेरिका में टॉप स्टूडेंट्स को लंबे समय तक रोजगार और स्थायी निवास का मौका मिलेगा।
  • कंपनियों के लिए भरोसेमंद और स्थिर कर्मचारी सुनिश्चित होंगे।

ट्रंप ने कहा, “अच्छे लोग अमेरिका आएं, लेकिन मजबूत रास्ते से आएं। यह देश के लिए एक गिफ्ट है। अब विदेशी स्टूडेंट्स को अपने देश लौटना नहीं पड़ेगा, बल्कि वे अमेरिका में पढ़ाई के बाद भी रह सकते हैं।”

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