
बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच चल रही खींचतान को खत्म करने की कोशिशें जारी हैं। इसी क्रम में दोनों नेता मंगलवार सुबह बेंगलुरु में नाश्ते पर मिले। नाश्ते में इडली-सांभर और नाटी चिकन जैसे पारंपरिक व्यंजन परोसे गए, लेकिन राजनीतिक तकरार की बर्फ पूरी तरह पिघली या नहीं—यह सवाल अब भी कायम है।
हालाँकि मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शिवकुमार को अपना “भाई” बताते हुए कहा कि दोनों के बीच किसी भी प्रकार का मतभेद नहीं है।
8 दिसंबर को दोनों नेताओं की दिल्ली यात्रा तय?
सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया कि पार्टी विधायकों के बीच असहमति जैसी कोई स्थिति नहीं है, सभी केवल अपनी राय रखते हैं। दोनों नेताओं की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब कांग्रेस के कई विधायक सार्वजनिक रूप से कभी सिद्धारमैया तो कभी शिवकुमार का समर्थन करते दिखे थे।
सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं को 8 दिसंबर को दिल्ली तलब किया गया है, जहाँ शीर्ष नेतृत्व से चर्चा की जाएगी। मुलाकात के दौरान दोनों ने 2028 विधानसभा चुनाव की रणनीति और 8 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में विपक्ष का सामना करने को लेकर भी विचार-विमर्श किया।
विपक्ष ला सकता है अविश्वास प्रस्ताव
सीएम सिद्धारमैया ने जानकारी दी कि विपक्ष सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। उन्होंने दावा किया कि यदि ऐसा हुआ तो सरकार उसे मजबूती से पराजित करेगी।
कहा जा रहा है कि संसद सत्र और पार्टी निर्देशों के चलते दोनों नेताओं ने फिलहाल सीएम पद को लेकर हुई पहले की खींचतान को किनारे रख दिया है।
बीजेपी का तंज — “नाश्ते से रिश्ते सुधारने की कोशिश”
इधर, विपक्षी बीजेपी ने इस नाश्ते वाली बैठक पर कटाक्ष किया है। पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा कि यह मुलाकात दोनों नेताओं द्वारा अपने बिगड़े रिश्तों को सुधारने का प्रयास है। बीजेपी ने यह भी जोड़ा कि दोनों नेता अपनी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं में उलझे हुए हैं, जो राज्य के हित में नहीं है।