Tuesday, November 25

सम्राट चौधरी के गृह विभाग संभालते ही बदली पुलिसिंग—चोरी–जेबकतरी भी माने जाएंगे संगठित अपराध

पटना, 24 नवंबर। बिहार में नई एनडीए सरकार के गठन के तुरंत बाद पुलिसिंग की नीति में बड़ा बदलाव किया गया है। गृह विभाग की कमान संभालते ही मंत्री सम्राट चौधरी के निर्देशन में राज्य के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने नया फ्रेमवर्क लागू किया है, जिसके तहत अब चोरी, जेबकतरी और छोटी धोखाधड़ी जैसे अपराधों को भी संगठित अपराध की श्रेणी में शामिल किया जाएगा।

डीजीपी ने सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को निर्देश दिया है कि अपराध का मूल्यांकन उसके पैमाने से नहीं, बल्कि अपराध की प्रकृति और अपराधी के नेटवर्क के आधार पर किया जाए। उनका मानना है कि छोटे अपराधों को हल्के में लेने से वे आगे चलकर बड़े सिंडिकेट में बदल जाते हैं, इसलिए शुरुआत में ही ऐसे नेटवर्क पर रोक जरूरी है।

‘छोटा संगठित अपराध’ की नई श्रेणी

नई नीति के तहत डीजीपी ने ‘स्मॉल ऑर्गनाइज्ड क्राइम’ नाम से एक अलग श्रेणी बनाई है। इसमें—

  • चोरी
  • स्नैचिंग
  • फ्रॉड एवं चीटिंग
  • अवैध टिकट बिक्री
  • जुआ–सट्टा
  • पेपर सेल जैसे अपराध

अब स्पेशल रिपोर्टेड (SR) केस के रूप में दर्ज होंगे। इनके लिए अनिवार्य रूप से विशेष निगरानी, रिपोर्टिंग और ट्रैकिंग की जाएगी।

दो या अधिक लोगों द्वारा बार-बार अपराध = संगठित अपराध

वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, दो या अधिक व्यक्तियों द्वारा लगातार अपराध करने की स्थिति में मामला सीधे संगठित अपराध माना जाएगा। इसमें—

  • वाहन चोरी
  • अपहरण
  • लूट
  • भूमि कब्जा
  • कॉन्ट्रैक्ट किलिंग
  • साइबर फ्रॉड
  • अवैध हथियार कारोबार
  • मानव तस्करी
    जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं।

BNS 2023 का हवाला

डीजीपी विनय कुमार ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 का जिक्र करते हुए कहा कि छोटे अपराधों में शामिल लोग आगे चलकर बड़े आपराधिक नेटवर्क का हिस्सा बन जाते हैं। इसलिए शुरुआती स्तर पर ही ऐसे सिंडिकेट को तोड़ना नई पुलिसिंग की प्राथमिकता होगी।

ट्रेनिंग मॉड्यूल में बदलाव

राजगीर स्थित पुलिस अकादमी सहित सभी प्रशिक्षण केंद्रों को नई श्रेणीकरण और SOP को प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं। डीजीपी ने स्पष्ट किया कि भविष्य की पुलिसिंग इसी नए दृष्टिकोण पर आधारित होगी।

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