
गुवाहाटी। असम में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले चुनाव आयोग (ECI) ने मतदाता सूचियों का ‘विशेष पुनरीक्षण’ (Special Revision – SR) कराने का निर्णय लिया है। यह कदम राज्य की विशिष्ट नागरिकता व्यवस्था और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रही राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की स्थिति को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) से अलग होगी।
क्यों लिया गया यह निर्णय?
असम में नागरिकता से जुड़े कानूनी प्रावधान अन्य राज्यों की तुलना में भिन्न हैं। 2019 में तैयार हुआ NRC अभी अंतिम रूप से प्रकाशित नहीं हो सका है और मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। ऐसे में SIR जैसी प्रक्रिया, जिसमें पात्रता की जांच के लिए दस्तावेज़ मांगे जाते हैं, NRC डेटा के साथ टकराव पैदा कर सकती थी।
इसी वजह से आयोग ने SR को अपनाया है, जिसमें मतदाताओं से किसी भी प्रकार का दस्तावेज़ नहीं मांगा जाएगा।
क्या है विशेष पुनरीक्षण (SR)?
- घर-घर जाकर (H2H) सत्यापन अनिवार्य
- मतदाता से पात्रता साबित करने के लिए कोई दस्तावेज़ नहीं पूछा जाएगा
- 1 जनवरी 2026 को अर्हता तिथि माना जाएगा
- अंतिम मतदाता सूची 10 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी
चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार, 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके सभी भारतीय नागरिकों का नाम सूची में शामिल किया जाएगा, बशर्ते वे किसी कानून के तहत अयोग्य न हों।
‘D’ मतदाताओं का क्या होगा?
‘संदिग्ध’ श्रेणी के मतदाता—जिन्हें 1997 में ECI ने ‘D Voters’ के रूप में चिह्नित किया था—के नाम पूर्ववत मसौदा सूची में शामिल रहेंगे।
उन्हें मतदान का अधिकार नहीं होगा और
इनके नाम में कोई परिवर्तन केवल विदेशी न्यायाधिकरण या अदालत के आदेश पर ही किया जा सकेगा।
महत्वपूर्ण तिथियाँ
- 22 नवंबर–20 दिसंबर 2025 : विशेष पुनरीक्षण
- 27 दिसंबर 2025 : एकीकृत मसौदा सूची प्रकाशित
- 27 दिसंबर–22 जनवरी 2026 : दावे–आपत्तियाँ
- 2 फरवरी 2026 : दावों–आपत्तियों का निपटारा
- 10 फरवरी 2026 : अंतिम मतदाता सूची जारी
बीएलओ (BLO) की भूमिका
सत्यापन के दौरान BLO को पूर्व-भरा रजिस्टर दिया जाएगा, जिसमें वे—
- मृत मतदाता
- कई जगहों पर दर्ज मतदाता
- स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाता
—की पहचान करेंगे।
साथ ही, वे तीन प्रकार की जानकारी जुटाएंगे—
- नामावली सुधार
- अयोग्य होने के बावजूद छूटे पात्र नागरिकों का नाम शामिल करना
- संभावित नए मतदाता
चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि BLO को प्रत्येक मतदाता से फॉर्म पर हस्ताक्षर करवाने के लिए कम से कम तीन बार घर-घर जाना होगा ताकि सत्यापन पूरी पारदर्शिता से हो।
SIR और SR में मुख्य अंतर
| पहलू | SIR | SR |
|---|---|---|
| सत्यापन | घर-घर, दस्तावेज़ सहित | घर-घर, पर बिना दस्तावेज़ |
| उद्देश्य | पात्रता की गहन जांच | मतदाता सूची का अद्यतन |
| NRC से संबंध | संभावित टकराव | टकराव से बचने के उद्देश्य से लागू |
| प्रकृति | कठोर प्रक्रिया | सरल लेकिन व्यापक |