
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को प्रदूषण नियंत्रण के लिए दो महत्वपूर्ण कदम उठाए। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 50 नई इलेक्ट्रिक बसों की पहली खेप को हरी झंडी दिखाकर सड़कों पर उतारा। इसके अलावा, प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक कमर्शल गाड़ियों की फिटनेस जांच के लिए तेहखंड डिपो में ऑटोमेटेड वीकल फिटनेस टेस्टिंग स्टेशन (एटीएस) का शिलान्यास किया।
इलेक्ट्रिक बसों से प्रदूषण में होगी कमी
सीएम रेखा गुप्ता ने 50 इलेक्ट्रिक बसों को रवाना करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने 8 महीने के भीतर परिवहन क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। इस दौरान 1350 नई इलेक्ट्रिक बसें बेड़े में शामिल की गई हैं, जबकि पिछले 11 वर्षों में केवल 2000 बसें ही सड़कों पर आई थीं। उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
इन 50 बसों में 30 बारह मीटर की और 20 नौ मीटर की लो फ्लोर एसी बसें हैं, जो सीसीटीवी कैमरा, पैनिक बटन, और जीपीएस से लैस हैं। साथ ही, जो रूट पहले बंद कर दिए गए थे, उन्हें फिर से शुरू किया जा रहा है। इसके अलावा, इंटरस्टेट बस सेवा और पूर्व सरकार द्वारा बंद की गई यूनिवर्सिटी की यूथ स्पेशल बसें भी अब फिर से शुरू की जा रही हैं।
कमर्शल गाड़ियों की फिटनेस जांच से प्रदूषण में कमी
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को तेहखंड डिपो में ऑटोमेटेड वीकल फिटनेस टेस्टिंग स्टेशन का शिलान्यास करते हुए कहा कि दिल्ली में 6.5 लाख कमर्शल वाहन हैं, जिनकी हर साल फिटनेस जांच जरूरी है। पहले इस व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया गया था, और राजधानी में केवल एक झुलझुली सेंटर था, जो 47,000 गाड़ियों की जांच कर सकता था। अब नया एटीएस सेंटर 72,000 गाड़ियों की फिटनेस जांच की क्षमता प्रदान करेगा। यह पूरी तरह डिजिटल और मानव हस्तक्षेप से मुक्त होगा, जिससे गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सकेगा।
इस सेंटर से अब दिल्ली में एक लाख से अधिक कमर्शल गाड़ियों की ऑटोमेटेड फिटनेस जांच हो सकेगी। इसके अलावा, बुराड़ी और झुलझुली स्थित पुराने केंद्रों को भी अपग्रेड किया जा रहा है। तेहखंड एटीएस का निर्माण 10 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है, और इसके माध्यम से तीन करोड़ रुपये का राजस्व भी प्राप्त होने की उम्मीद है।
सुरक्षा और प्रदूषण नियंत्रण में सरकारी प्रयास
परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने इस अवसर पर जानकारी दी कि नई इलेक्ट्रिक बसों और फिटनेस जांच प्रणाली के जरिए दिल्ली सरकार सुरक्षा और प्रदूषण नियंत्रण के साथ-साथ सार्वजनिक परिवहन को भी अधिक प्रभावी और सुरक्षित बनाने का प्रयास कर रही है।
समाप्त।