
अयोध्या। 25 नवंबर को राम मंदिर प्रांगण में आयोजित भव्य ध्वजारोहण समारोह में देशभर से आए करीब सात हजार साधु-संतों ने ऐतिहासिक पल का साक्षी बने। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच पर मौजूद गोविंद देव गिरि महाराज की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। लोग पूछ रहे हैं कि यह संत कौन हैं, जिनका राम मंदिर से इतना गहरा नाता है।
गोविंद देव महाराज कौन हैं?
गोविंद देव गिरि महाराज श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष हैं। वे पहले 22 जनवरी, 2024 को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के समय भी पीएम मोदी के पास थे। उस समय उन्होंने पीएम मोदी की 11 दिनों की कठिन व्रत साधना और भूमि शयन को देशभक्ति और भारत माता की सेवा में समर्पण का प्रतीक बताया था।
महाराज ने कहा था कि पीएम मोदी ने अपने विदेश यात्रा स्थगित की और 11 दिनों तक भूमि शयन किया, जबकि केवल तीन दिनों तक भूमि शयन का विकल्प था। ठंड में यह साधना उनका गहन आध्यात्मिक समर्पण दर्शाती है। यह अभ्यास पीएम मोदी पिछले 40 वर्षों से कर रहे हैं, जिसकी पुष्टि उन्होंने पीएम मोदी की माता जी से भी की थी।
अन्य आध्यात्मिक और धार्मिक योगदान
गोविंद देव गिरि महाराज कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट मथुरा के उपाध्यक्ष भी हैं। वे रामायण, भगवद गीता और अन्य प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों पर अपने उपदेशों के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका जन्म 25 जनवरी, 1949 को महाराष्ट्र के अहिल्यानगर जिले के बेलापुर गांव में एक धार्मिक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। संन्यास दीक्षा लेने से पहले उन्हें आचार्य किशोरजी व्यास के नाम से जाना जाता था।
राम मंदिर और प्रधानमंत्री मोदी के साथ गहरा नाता
गोविंद देव गिरि महाराज ने प्रधानमंत्री मोदी की आध्यात्मिक साधना और समर्पण की सराहना करते हुए उन्हें राम मंदिर प्रकल्प में मार्गदर्शन और समर्थन दिया है। ध्वजारोहण समारोह के दौरान उनका दिव्य तेज और प्रधानमंत्री के प्रति श्रद्धा भाव सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में रहा।
यह संत न केवल राम मंदिर से जुड़े हैं, बल्कि देशभर में धार्मिक और आध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए भी जाने जाते हैं।