
नई दिल्ली, 5 दिसंबर: यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम (CSE) को बिना कोचिंग और भारी खर्च के क्लियर किया जा सकता है, इसे साबित किया है वंदना मीणा ने। राजस्थान के छोटे गांव से दिल्ली तक का उनका सफर और लगातार मेहनत ने उन्हें ऑल इंडिया रैंक 331 दिलाई और IAS अधिकारी बनाया।
छोटे गांव से बड़े सपनों तक:
वंदना टोकसी गांव की रहने वाली थीं। सीमित संसाधनों के बावजूद उनके माता-पिता ने उनकी पढ़ाई पर पूरा ध्यान दिया। प्रारंभिक शिक्षा गंगापुर सिटी के ज्ञान रश्मि सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हुई और बाद में दिल्ली के सेंट कोलंबा स्कूल से उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी की।
दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन:
वंदना ने आचार्य नरेंद्र जैन कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी से मैथेमेटिक्स ऑनर्स में ग्रेजुएशन किया। उनके दिल में सिविल सेवा बनने का सपना था और इसी के लिए उन्होंने तैयारी शुरू की।
तैयारी का अनोखा तरीका:
कोचिंग या महंगे कोर्स की जगह वंदना ने सेल्फ स्टडी को अपनाया। तैयारी के पीक फेज में रोजाना 10 से 15 घंटे पढ़ाई का शेड्यूल अपनाया। इंडियन पॉलिटी पर एम. लक्ष्मीकांत की किताब, NCERT की किताबें और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्टडी की। यूट्यूब और ई-बुक्स का इस्तेमाल कर यूपीएससी की तैयारी की।
सफलता का परिणाम:
2021 में वंदना की मेहनत रंग लाई और उन्होंने UPSC CSE में ऑल इंडिया रैंक 331 हासिल की। इस कामयाबी ने न सिर्फ उन्हें गर्वित किया बल्कि उनके परिवार, स्कूल और गांव के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी। अपने रिजल्ट के बाद वंदना ने अपने स्कूलों का दौरा किया और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित किया।
संदेश:
वंदना की कहानी यह साबित करती है कि सही दिशा, फोकस और लगातार मेहनत से कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती। महंगी कोचिंग की जरूरत नहीं, बल्कि खुद पर भरोसा और मेहनत ही सफलता की कुंजी है।