Monday, November 17

भूपेंद्र पटेल मंत्रिमंडल में बदलाव, PM मोदी के दो दौरे: क्या गुजरात में BJP vs AAP की होगी अगली टक्कर?

अहमदाबाद: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत के बाद बीजेपी ने अब पश्चिम बंगाल पर फोकस कर दिया है, वहीं महागठबंधन को झटका लगा और कांग्रेस सन्नाटे में है। राहुल गांधी ने बीजेपी को उसके गढ़ गुजरात में हराने का संकल्प लिया था, लेकिन गुजरात में पार्टी पहले ही कोर्स करेक्शन में जुट गई है। राज्य में कांग्रेस से ज्यादा आम आदमी पार्टी (AAP) की चर्चा हो रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अगला मुकाबला गुजरात में BJP बनाम AAP होगा?

कांग्रेस की सक्रियता नहीं दिख रही
बीजेपी ने बिहार चुनावों के बीच ही गुजरात के मंत्रिमंडल में बड़े बदलाव किए, जिसमें 10 मंत्रियों की छुट्टी की गई। एनडीए की जीत और विधायक संख्या में इजाफा (1654) के बाद पार्टी उत्साहित है। अगले दो साल में गुजरात समेत 11 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस ने राज्य में संगठन को मजबूत करने की कवायद की, लेकिन सक्रियता न के बराबर रही। 2022 के विधानसभा चुनावों में AAP ने कांग्रेस से 13% वोट झटक लिए थे। आठ उपचुनाव में कांग्रेस कहीं भी पूर्ण विजय नहीं पा सकी, जबकि AAP ने विसावदर सीट बचाई।

AAP ने बनाई मजबूत पकड़
गुजरात में AAP का नेतृत्व पूर्व टीवी पत्रकार इसुदान गढ़वी कर रहे हैं। पिछले तीन साल में पार्टी ने आदिवासी इलाकों और सौराष्ट्र में अपनी पकड़ मजबूत की है। आदिवासी belt में विधायक चैतर वसावा की लोकप्रियता को देखते हुए BJP ने प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति में आदिवासी जनमानस को जोड़ने की रणनीति अपनाई। AAP की मौजूदगी से बीजेपी को चुनौती मिल रही है।

मोदी-शाह-भूपेंद्र की ‘त्रिमूर्ति’ पर दारोमदार
राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की तिकड़ी BJP की रणनीति का सबसे बड़ा आधार है। पीएम मोदी ने केवल 20 दिनों में गुजरात के दो दौरे किए—पहला एकता दिवस समारोह और दूसरा बिरसा मुंडा की जयंती पर। आदिवासी belt और सौराष्ट्र में पार्टी की पकड़ मजबूत करना इस दौरे का मुख्य उद्देश्य रहा।

अगला चुनाव: BJP vs AAP?
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, गुजरात का अगला विधानसभा चुनाव संभवतः BJP और AAP के बीच होगा। स्थानीय निकाय चुनावों और पंजाब के आगामी चुनाव नतीजे इस बात को तय करेंगे कि AAP कितना जोश के साथ चुनाव लड़ेगी। यदि AAP समर्थन बढ़ाती है, तो BJP को नई रणनीति बनानी होगी। वहीं कांग्रेस के लिए चुनौती दोगुनी हो गई है—उसे BJP से मुकाबला करना होगा और AAP के बढ़ते प्रभाव को भी ध्यान में रखना होगा।

भारी उम्मीदें हैं हर्ष संघवी से
BJP ने रणनीति के तहत डिप्टी CM हर्ष संघवी को एलीवेट किया है। उन्होंने 30 IPS अधिकारियों के साथ कच्छ दौरा किया। पार्टी इस पर भरोसा कर रही है कि संघवी आगामी चुनावों में पार्टी की स्थिति मजबूत करेंगे।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि गुजरात में अब कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ रही हैं। बीजेपी की बिहार जीत ने पार्टी में उत्साह भर दिया है, जबकि AAP एक नए तरह की चुनौती बनकर उभरी है।

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