
खंडवा जिले में किसानों का सब्र आखिरकार जवाब दे गया है। फसल बीमा राशि न मिलने और प्याज की खराब फसल के लिए मुआवज़ा न मिलने से नाराज़ किसानों ने शुक्रवार को बड़ा आंदोलन छेड़ दिया। लगभग 70 गांवों के 10,000 से अधिक किसान सर्व किसान समाज के बैनर तले एक मंच पर एकत्र हुए और सरकार को अल्टीमेटम देते हुए रेलवे ट्रैक जाम करने की चेतावनी दी। इससे जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया।
किसानों की दो टूक—मांगें पूरी नहीं हुईं तो ‘रेल रोको’
टिगरिया गांव के मांगलिक भवन में आयोजित बैठक में किसानों ने एक सुर में निर्णय लिया कि
“जब तक सरकार हमारी मांगों पर लिखित और ठोस आश्वासन नहीं देती, आंदोलन जारी रहेगा।”
किसानों की मुख्य मांगें—
- प्याज की खराब फसल का ₹50,000 प्रति किसान मुआवज़ा
- लंबित फसल बीमा राशि तुरंत खातों में जमा
- प्याज का उचित मूल्य निर्धारण
किसान नेताओं जय पटेल और सुभाष पटेल ने मंच से साफ कहा—
“दो घंटे में सरकार से जवाब नहीं आया, तो ट्रैक पर बैठकर रेल रोको आंदोलन शुरू करेंगे।”
प्रशासन में हड़कंप, सुरक्षा बढ़ाई
किसानों की घोषणा के बाद टिगरिया रेलवे ट्रैक के आसपास भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया।
- पुलिस, RPF और GRP की टीमें चौकन्नी
- आसपास के थानों से अतिरिक्त फोर्स बुलाया गया
- अधिकारी गांव-गांव जाकर किसानों को समझाने में जुटे
लेकिन किसानों का कहना है कि अब आश्वासन नहीं, कार्रवाई चाहिए।
सांसद और विधायकों ने की बातचीत, पर सीधा संपर्क नहीं हो पाया
स्थिति बिगड़ती देख खंडवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, विधायक कंचन तंवे और छाया मोरे मौके पर पहुंचे। उन्होंने किसानों की बात कृषि मंत्री एंदलसिंह कंसाना से करवाई।
लेकिन किसान नेताओं ने साफ कहा कि वे सीधे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय कृषि मंत्री से बात करना चाहते हैं।
उधर, सांसद पाटिल ने किसानों से शाम 4 बजे तक का समय मांगा, लेकिन बताया कि
सीएम और कृषि मंत्री बिरसा मुंडा जयंती के कार्यक्रमों में व्यस्त हैं।
शाम 5 बजे तक आंदोलन स्थगित, लेकिन गुस्सा कायम
किसानों ने फिलहाल आंदोलन को शाम 5 बजे तक स्थगित कर दिया है।
उधर, हजारों किसान ट्रैक तक पहुंचने के लिए तैयार बैठे हैं, और प्रशासन हर संभव कोशिश कर रहा है कि स्थिति नियंत्रण में रहे।
- कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं
- कई महत्वपूर्ण ट्रेनों पर संकट के बादल
- रेलवे प्रशासन अलर्ट पर
आने वाले घंटे बेहद अहम
किसानों का यह उग्र आंदोलन किस दिशा में जाएगा, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं। पर इतना तय है कि अगर सरकार से संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो खंडवा में रेलवे ट्रैक जाम होने से पूरे प्रदेश में यातायात प्रभावित हो सकता है।
पूरे प्रदेश की नजरें अब खंडवा पर टिकी हैं।