
बागलकोट, 15 नवम्बर 2025: कर्नाटक के बागलकोट जिले में गन्ना किसानों का प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसके बाद इलाके में हड़कंप मच गया। किसानों ने गोदावरी शुगर्स फैक्ट्री में गन्ने से लदे 100 से ज्यादा ट्रैक्टरों में आग लगा दी। इसके साथ ही दो मोटरसाइकिलों में भी आग लगाई गई और आसपास के इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। पुलिस ने घटनास्थल पर नियंत्रण पाने की कोशिश की, लेकिन स्थिति को काबू करने में कुछ समय लगा, जिसके बाद पथराव और लाठीचार्ज हुआ।
किसान नेता सुभाष शिराबुर ने इस हिंसा के लिए किसानों को दोषी ठहराने से इनकार किया। उनका कहना था, “हमने गन्ने से लदे ट्रैक्टरों में आग नहीं लगाई। यह घटना कुछ लोगों ने जानबूझकर फैक्ट्री के अंदर की। पुलिस के सामने पत्थर फेंके गए और हमारे लोग, साथ ही पुलिसकर्मी भी घायल हुए।” किसान नेताओं का आरोप था कि यह हिंसा किसानों की छवि खराब करने के लिए की गई थी।
किसान और सरकार के बीच विवाद
यह घटना उस समय हुई जब गन्ना किसानों और राज्य सरकार के बीच गन्ने के मूल्य को लेकर गतिरोध चल रहा है। मुधोल के किसान गन्ने के मूल्य को लेकर 3,500 रुपये प्रति टन की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार ने 3,300 रुपये प्रति टन की दर निर्धारित की है, जिसे किसान नेता मानने के लिए तैयार नहीं हैं।
सिद्धारमैया का बयान
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि जो भी इस हिंसा के लिए जिम्मेदार होंगे, उन्हें सख्त सजा दिलाई जाएगी। सिद्धारमैया ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “भा.ज.पा. के पास और कोई काम नहीं है, वे केवल लोगों को उकसाने का काम करते हैं।”
पुलिस की प्रतिक्रिया
पुलिस ने दावा किया कि घटना पूर्व नियोजित थी और इसमें कुछ उपद्रवियों ने किसानों की आड़ में हिंसा को अंजाम दिया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) आर. हितेंद्र ने कहा, “हमने पाया कि उपद्रवी पेट्रोल और अन्य ज्वलनशील पदार्थ लेकर आए थे, और किसानों के आंदोलन में घुसकर उन्होंने आगजनी की। हम इन आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।”
स्थिति पर काबू पाया गया
इस घटनाक्रम के बाद जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है और भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। बागलकोट, मुधोल और जामखंडी तालुकों में प्रदर्शनों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
किसानों के विरोध का सिलसिला जारी
कर्नाटक के अन्य हिस्सों में भी गन्ना किसानों ने अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी रखा। विजयपुरा जिले के किसानों ने भी उचित गन्ना मूल्य की मांग करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया।
कर्नाटक सरकार इस संकट से निपटने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है और किसानों से 3,300 रुपये प्रति टन की दर स्वीकार करने की अपील की है, ताकि स्थिति को सामान्य किया जा सके।