Thursday, November 20

5 भारतीय गेंदबाज जो वनडे में नहीं ले सके 5 विकेट हॉल, दो ने दिलाया भारत को विश्व कप

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट इतिहास तेज और स्पिन—दोनों तरह के विश्वस्तरीय गेंदबाजों से भरा पड़ा है। वनडे क्रिकेट में टीम इंडिया ने 1974 से लेकर अब तक अनगिनत यादगार प्रदर्शन किए हैं। कई भारतीय गेंदबाजों ने अपनी धारदार गेंदबाजी से टीम को महत्वपूर्ण जीत दिलाई, लेकिन इनके शानदार करियर के बावजूद कुछ नाम ऐसे भी हैं जो अपने वनडे करियर में कभी 5 विकेट हॉल नहीं ले सके। खास बात यह कि इनमें से दो गेंदबाज विश्व कप विजेता भी रहे हैं।

चलिए जानते हैं ऐसे 5 भारतीय गेंदबाजों के बारे में—

1. अक्षर पटेल

2014 से वनडे खेल रहे अक्षर पटेल टीम इंडिया के सबसे भरोसेमंद ऑलराउंडरों में शामिल हैं।

  • मैच: 71
  • विकेट: 75
  • इकोनॉमी: 4.49
  • बेस्ट: 3/24

अक्षर ने कई मौकों पर किफायती और उपयोगी गेंदबाजी की है, लेकिन 5 विकेट हॉल उनके खाते में अब तक नहीं आया।

2. रोजर बिन्नी (1983 विश्व कप विजेता)

1983 विश्व कप भारत के लिए ऐतिहासिक रहा और इस जीत के नायकों में रोजर बिन्नी का योगदान सबसे अहम था।

  • विश्व कप 1983 में विकेट: 18 (टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा)
  • वनडे बेस्ट: 4/29

हालांकि विश्व कप में शानदार गेंदबाजी के बावजूद बिन्नी को कभी 5 विकेट हॉल नहीं मिला।

3. ईशांत शर्मा

ईशांत शर्मा टेस्ट के साथ-साथ वनडे में भी लंबे समय तक भारतीय पेस अटैक की रीढ़ रहे।

  • मैच: 80
  • विकेट: 115
  • बेस्ट: 4/34

लंबे कद और लगातार लाइन-लेंथ से परेशान करने वाले ईशांत वनडे में कभी 5 विकेट हासिल नहीं कर पाए।

4. उमेश यादव

तेज रफ्तार के लिए मशहूर उमेश यादव ने 2010 से 2018 के बीच कई यादगार स्पेल फेंके।

  • मैच: 75
  • विकेट: 106
  • बेस्ट: 4/31

उमेश की गेंदबाजी का प्रभाव कई मैचों में दिखा, लेकिन 5 विकेट वाला दिन उनके करियर में नहीं आया।

5. रविचंद्रन अश्विन

टेस्ट क्रिकेट में 37 बार 5 विकेट हॉल लेने वाले अश्विन वनडे में इस उपलब्धि से दूर रहे।

  • मैच: 116
  • विकेट: 156
  • बेस्ट: 4/25

टेस्ट क्रिकेट के महान स्पिनर वनडे में भी बेहद सफल रहे, लेकिन 5 विकेट हॉल की कमी उनकी ODI बॉलिंग रिकॉर्ड पर साफ नजर आती है।

निष्कर्ष

इन पांचों गेंदबाजों ने भारतीय क्रिकेट में शानदार योगदान दिया है। उनका सफर यह साबित करता है कि बड़ा आंकड़ा न बनने के बावजूद भी खिलाड़ी टीम के लिए अत्यंत मूल्यवान हो सकते हैं। दो विश्व कप विजेता गेंदबाजों का इस सूची में होना भी इस बात का प्रमाण है कि क्रिकेट केवल रिकॉर्ड का खेल नहीं, बल्कि प्रभाव और परिस्थिति के अनुसार प्रदर्शन का खेल है।

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