
पटना, रिपोर्ट — बिहार में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में बड़ा घोटाला सामने आया है। दो लाख से अधिक ऐसे लाभार्थी चिन्हित हुए हैं, जिनकी मौत हो चुकी है, फिर भी उनके बैंक खातों में पेंशन की राशि भेजी जा रही थी। समाज कल्याण विभाग ने अब इस पूरे मामले की जांच तेज कर दी है और मृत लाभार्थियों के खातों में गई रकम की वसूली का आदेश जारी कर दिया है।
ऐसे खुला घोटाले का पर्दाफाश
समाज कल्याण विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक के दौरान यह हैरान करने वाला डेटा सामने आया। विभाग ने वृद्धावस्था पेंशन सहित विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की समीक्षा की, जिसके बाद 2 लाख से अधिक मृत व्यक्तियों के नाम लिस्ट में पाए गए। इन मृत लोगों को महीनों तक पेंशन मिलती रही, जिसका पैसा अब सरकार वापस लेगी।
सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द भौतिक सत्यापन पूरा किया जाए और मृत लाभार्थियों के नाम सूची से हटाए जाएं। साथ ही, उनके खातों में जमा की गई राशि की कानूनी प्रक्रिया के तहत वसूली भी सुनिश्चित की जाए।
सत्यापन के लिए 80,000 कर्मी लगाए जाएंगे
सत्यापन को तेज करने के लिए सामान्य सेवा केंद्र (CSC) की मदद ली जाएगी। जिला सामाजिक सुरक्षा प्रकोष्ठों को निर्देश दिया गया है कि CSC जिला प्रबंधकों के साथ मिलकर लगभग 80,000 कर्मियों की तैनाती करें, ताकि हर लाभार्थी का घर-घर जाकर डेटा सत्यापित किया जा सके।
फिंगरप्रिंट, आईरिस और फेस ऑथेंटिकेशन से होगी पहचान
वंदना प्रेयसी ने कहा कि सत्यापन में किसी भी जीवित पेंशनधारी को परेशान न किया जाए। इसके लिए CSC को फिंगरप्रिंट वेरिफिकेशन, आईरिस स्कैन और फेस ऑथेंटिकेशन जैसे कई विकल्प उपलब्ध कराने होंगे, ताकि किसी तकनीकी खराबी के कारण असली लाभार्थी पेंशन से वंचित न हों।
अन्य योजनाओं की भी हो रही समीक्षा
बैठक में निम्न योजनाओं की प्रगति भी जांची गई—
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना
लक्ष्य सीमा 1,27,100 है, जबकि अभी 1,10,863 लाभार्थी सूची में हैं। - कबीर अंत्येष्टि योजना
केवल 26,141 लोग लाभ ले पा रहे हैं। - राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना
अब तक सिर्फ 8,566 लाभार्थी शामिल हुए हैं।
सचिव ने निर्देश दिया कि 2025 दिसंबर तक इन योजनाओं के वार्षिक लक्ष्यों का 50% पूरा कर लिया जाए।
भविष्य में गड़बड़ी रोकने के सख्त निर्देश
वंदना प्रेयसी ने अधिकारियों को स्पष्ट कहा—
“भौतिक सत्यापन पूरी पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ करें। भविष्य में किसी मृत व्यक्ति को पेंशन का भुगतान न हो, इसकी 100% गारंटी सुनिश्चित की जाए।”
साथ ही उन्होंने सभी लंबित आवेदनों के त्वरित निपटान का निर्देश भी दिया।
निष्कर्ष
बिहार में पेंशन योजनाओं में हुआ यह बड़ा खुलासा प्रशासनिक लापरवाही का गंभीर उदाहरण है। हालांकि अब सरकार सक्रिय हो गई है और मृत लाभार्थियों के खातों में गई रकम की वसूली के साथ सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए कड़े कदम उठा रही है।
सरकार का दावा है कि आने वाले महीनों में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही और मजबूत होगी।