
नई दिल्ली। बढ़ता पेट आज हर उम्र के लोगों की सबसे आम चिंता बन गया है। भागदौड़ भरी जिंदगी, गलत खानपान और कम नींद के कारण शरीर पर चर्बी तेजी से जमा होती है, जिससे न केवल व्यक्तित्व प्रभावित होता है, बल्कि दिल की बीमारियों, डायबिटीज और हाई बीपी का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में एम्स और हार्वर्ड से प्रशिक्षित डॉक्टर सौरभ सेठी ने वजन कम करने के बेहद आसान और असरदार तीन नियम बताए हैं, जिनका पालन करने से कुछ ही हफ्तों में पेट की चर्बी कम होने लगती है।
डॉ. सेठी का कहना है कि इन आदतों को नियमित रूप से अपनाने पर शुरुआती बदलाव भले कम दिखे, लेकिन कुछ हफ्तों में परिणाम स्पष्ट रूप से नजर आने लगते हैं।
रूल नंबर–1: इंटरमिटेंट फास्टिंग अपनाएं
डॉ. सेठी के अनुसार इंटरमिटेंट फास्टिंग की शुरुआत करने वालों के लिए 12:12 फॉर्मेट सबसे सुरक्षित और आसान विकल्प है।
यदि आप सुबह 7 बजे खाना शुरू करते हैं, तो शाम 7 बजे तक अपनी अंतिम मील ले लें और फिर अगले दिन सुबह 7 बजे तक फास्टिंग करें।
इससे मिलेंगे ये फायदे:
- शरीर को पाचन के लिए पर्याप्त समय मिलता है
- पेट हल्का रहता है
- फैट तेजी से बर्न होता है
- ओवरईटिंग पर नियंत्रण रहता है
रूल नंबर–2: फास्टिंग के दौरान लें बिना कैलरी वाले डिटॉक्स ड्रिंक्स
फास्टिंग के समय शरीर को साफ और हल्का बनाए रखने के लिए बिना कैलरी वाली ड्रिंक्स बेहद फायदेमंद होती हैं।
डॉ. सेठी इन पेय पदार्थों की सलाह देते हैं:
- ब्लैक कॉफी
- ग्रीन टी या ब्लैक टी
- नींबू पानी (बिना शक्कर)
- एप्पल साइडर विनेगर मिला पानी
- सौंफ/तुलसी का गर्म पानी
- अदरक या कैमोमाइल की हर्बल चाय
डिटॉक्स ड्रिंक्स के लाभ:
- शरीर को अंदर से डिटॉक्सीफाई करते हैं
- पाचन मजबूत बनाते हैं
- भूख कम करके फास्टिंग को आसान बनाते हैं
- अनियंत्रित खाने से बचाते हैं
रूल नंबर–3: डाइट में बढ़ाएं प्रोटीन और फाइबर
पेट की चर्बी कम करने में प्रोटीन और फाइबर दोनों ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन्हें अपनी रोजमर्रा की डाइट में शामिल करना जरूरी है।
प्रोटीन के स्रोत:
पनीर, टोफू, अंडे, चना, चिकन, मछली आदि
फाइबर के स्रोत:
सलाद, फल, हरी सब्जियां, ओट्स, दालें, होल ग्रेन
प्रोटीन और फाइबर के फायदे:
- पेट लंबे समय तक भरा रहता है
- बार-बार खाने की आदत कम होती है
- शरीर जमा हुई चर्बी को ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल करता है
- वजन घटने की प्रक्रिया तेजी से बढ़ती है
सावधानी:
यह जानकारी सामान्य जागरूकता के लिए है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या या खानपान में बदलाव से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। एनबीटी इस जानकारी की प्रभावशीलता या उसकी पूर्ण सटीकता का दावा नहीं करता।