
जयपुर/बाड़मेर: राजस्थान की चर्चित और काबिल IAS अधिकारी टीना डाबी एक बार फिर राष्ट्रीय सुर्खियों में हैं। बाड़मेर जिले में वर्षा जल संरक्षण के क्षेत्र में किए गए उनके उल्लेखनीय कार्य को केंद्र सरकार ने सराहा है। इसी उपलब्धि के लिए बाड़मेर जिले को ‘प्रथम जल संचय जनभागीदारी पुरस्कार’ मिलने जा रहा है। यह सम्मान 18 नवंबर 2025 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा प्रदान किया जाएगा। पुरस्कार के साथ 2 करोड़ रुपये की सम्मान राशि भी दी जाएगी।
बाड़मेर मॉडल को मिली राष्ट्रीय पहचान
पश्चिमी राजस्थान के कठोर व शुष्क इलाकों में जल संरक्षण हमेशा चुनौती रहा है। ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा चलाया गया ‘कैच द रेन’ अभियान राष्ट्रीय स्तर पर एक मिसाल बन गया।
अभियान के तहत—
- बड़े पैमाने पर परंपरागत टांका निर्माण
- वर्षा जल संग्रहण संरचनाओं का विस्तार
- समुदाय को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करना
जैसे प्रयासों ने पूरे जिले को जल संरक्षण का मॉडल बना दिया।
इन्हीं पहलों के दम पर बाड़मेर ने देशभर में पहला स्थान हासिल किया है।
3–4 महीने तक मिलने लगा मीठा पानी
टीना डाबी के अनुसार, ‘कैच द रेन’ पहल से ग्रामीणों को अब 3 से 4 महीने तक मीठा पेयजल उपलब्ध होने लगा है।
पहले बारिश का अधिकतर पानी बहकर चला जाता था और गांव जल–संकट से जूझते थे, लेकिन अभियान ने हालात बदल दिए।
टीना डाबी की उपलब्धियों में जुड़ी एक और बड़ी सफलता
यह पहली बार नहीं है जब IAS टीना डाबी को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिल रहा हो। इससे पहले उन्हें—
- प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल
- राष्ट्रीय मतदाता दिवस पुरस्कार
- जिला प्रशासन में नवाचारों के लिए कई राज्य स्तरीय सम्मान
जैसे प्रतिष्ठित उपलब्धियाँ मिल चुकी हैं।
18 नवंबर को होगी औपचारिक घोषणा
विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू स्वयं बाड़मेर प्रशासन को सम्मानित करेंगी।
जिले को मिलने वाली 2 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि का उपयोग भविष्य में जल संरक्षण के और बड़े प्रोजेक्ट्स में किया जाएगा।
अत्यंत शुष्क इलाके को जल–समृद्ध बनाने की दिशा में बाड़मेर का यह प्रयास देशभर के लिए प्रेरणादायक मॉडल बन रहा है।