
हैदराबाद/नई दिल्ली।
सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना विधानसभा के स्पीकर गद्दाम प्रसाद कुमार को शीर्ष अदालत के आदेश की अनदेखी करने पर अवमानना नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति और मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने टिप्पणी की कि स्पीकर का रवैया घोर अवमानना वाला है। सीजेआई गवई ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को यह तय करना चाहिए कि नया साल कहां मनाना है, और अयोग्य विधायकों पर अगले एक सप्ताह में फैसला लिया जाना चाहिए।
क्या है मामला
- मामला बीआरएस (BRS) के कुछ विधायकों की अयोग्यता को लेकर है।
- केटीआर की याचिका पर सुनवाई के दौरान सीजेआई गवई ने कहा कि स्पीकर के पास कोई संवैधानिक संरक्षण नहीं है।
- बीआरएस के 10 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के बाद से उनकी सदस्यता को लेकर फैसला लंबित था।
- स्पीकर कार्यालय ने समय सीमा बढ़ाने के लिए नई याचिका दायर की थी।
पीठ ने पहले दिया था आदेश
- 31 जुलाई 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने बीआरएस के 10 विधायकों की अयोग्यता पर तीन महीने के भीतर फैसला लेने का निर्देश दिया था।
- इस आदेश के पालन में देरी को न्यायालय ने गंभीर अवमानना माना।
सुप्रीम कोर्ट का रुख
- सीजेआई गवई ने स्पष्ट किया कि यदि स्पीकर ने आदेश का पालन नहीं किया, तो उन्हें अवमानना के लिए तैयार रहना चाहिए।
- यह टिप्पणी गवई के रिटायरमेंट से पहले की गई, उनका कार्यकाल 24 नवंबर 2025 तक है।
सियासी पृष्ठभूमि
- बीआरएस विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लंबित होने के कारण तेलंगाना की राजनीति में यह मामला गर्माया हुआ है।
- पिछली घटनाओं में कलकत्ता हाईकोर्ट ने टीएमसी में शामिल हुए बीजेपी विधायक मुकुल रॉय को अयोग्य घोषित किया था।