
बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार ने नागरहोल और बांदीपुर वाइल्ड लाइफ रिजर्व में टाइगर सफारी और ट्रैकिंग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यह कदम जंगलों में बाघों के लगातार हमलों के कारण उठाया गया है। वन मंत्री ईश्वर खंड्रे ने बताया कि पिछले एक महीने में इन जंगलों में बाघ के हमले में तीन लोगों की मौत हो चुकी है।
🐅 मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ा
सरगूर तालुक के मोलेयूर क्षेत्र में शुक्रवार को 35 वर्षीय चौडैया नायक की बाघ हमले में मौत हो गई। इससे पहले भी मैसूर और चामराजनगर जिलों में दो लोग बाघ हमलों में मारे जा चुके हैं। इन घटनाओं के बाद स्थानीय किसानों ने सफारी में वाहनों के शोर और लोगों की आवाजाही को बाघों के व्यवहार का जिम्मेदार बताया।
🛑 सफारी और ट्रैकिंग पर रोक
वन मंत्री ईश्वर खंड्रे ने कहा कि सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बाघों को पकड़ने के अभियान में लगाया जाएगा। वन्यजीव विभाग के चीफ फॉरेस्ट कॉन्जर्वेटर और टाइगर प्रोजेक्ट डायरेक्टरों को मौके पर कैंप करने के निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि सफारी और ट्रैकिंग पर यह रोक तब तक लागू रहेगी जब तक कि जंगल में स्थिति पूर्ण रूप से सुरक्षित न हो जाए।
🌳 किसानों और वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित
किसानों का कहना है कि सफारी और पर्यटकों की आवाजाही से बाघ और अन्य वन्यजीव परेशान हो रहे हैं और जंगल से बाहर निकल रहे हैं। वन विभाग ने इन चिंताओं को ध्यान में रखते हुए तुरंत कदम उठाए हैं ताकि मानव और वन्यजीव दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
निष्कर्ष:
कर्नाटक सरकार का यह कदम नागरहोल और बांदीपुर जंगलों में बाघों के खतरनाक हमलों को रोकने और पर्यटकों, किसानों व वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।