
मतदान केंद्र के भीतर मोबाइल से वोटिंग रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर वायरल किया वीडियो, आरा, गोपालगंज और सारण जिलों में दर्ज हुई प्राथमिकी
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में कुछ मतदाताओं द्वारा ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) पर वोट डालते समय वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा करने का मामला सामने आया है। इस गंभीर उल्लंघन पर कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग ने चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
अधिकारियों के मुताबिक, ये मामले आरा, गोपालगंज और सारण जिलों में दर्ज किए गए हैं — गोपालगंज में दो लोगों पर, जबकि आरा और सारण में एक-एक व्यक्ति पर मामला दर्ज किया गया है।
कानूनी उल्लंघन और जांच शुरू
पुलिस ने बताया कि मतदान केंद्र के भीतर मोबाइल फोन ले जाना और ईवीएम की रिकॉर्डिंग करना चुनाव आचार संहिता एवं निर्वाचन आयोग के निर्देशों का उल्लंघन है। इसके साथ ही यह सरकारी कार्यों में बाधा डालने और विधि-व्यवस्था भंग करने की श्रेणी में आता है।
सारण साइबर थाना ने संबंधित सोशल मीडिया अकाउंट धारकों की पहचान कर प्राथमिकी दर्ज कर ली है। यह भी जांच की जा रही है कि आरोपी मतदाता मोबाइल फोन मतदान केंद्र के अंदर तक कैसे लेकर पहुंचे।
सोशल मीडिया से मिली सूचना
सारण पुलिस के अनुसार, 6 नवंबर की सुबह लगभग 10:15 बजे सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टीम को कुछ अकाउंट्स पर चुनाव संबंधी अनुचित वीडियो और भ्रामक सामग्री पोस्ट किए जाने की जानकारी मिली। इन वीडियो में एक राजनीतिक दल के पक्ष में मतदान करते हुए क्लिप वायरल की गई थी।
चुनाव आयोग की चेतावनी
पुलिस और चुनाव आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि मतदान प्रक्रिया की गोपनीयता बनाए रखें और किसी भी प्रकार की रिकॉर्डिंग या पोस्टिंग से बचें। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि “चुनाव संबंधी सामग्री का वीडियो या फोटो सोशल मीडिया पर डालना कानूनन अपराध है। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
समापन टिप्पणी:
यह घटना चुनाव प्रक्रिया की गोपनीयता और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े करती है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि मतदान केंद्र के भीतर किसी भी प्रकार का फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी न केवल प्रतिबंधित है, बल्कि इसके उल्लंघन पर कड़ी सजा भी दी जा सकती है।
फोटो कैप्शन:
बिहार में वोटिंग के दौरान ईवीएम की वीडियो रिकॉर्डिंग करने वालों पर कार्रवाई — आरा, गोपालगंज और सारण जिलों में दर्ज हुई एफआईआर।