इंदौर प्रेस क्लब के 63वें स्थापना दिवस पर तीन दिवसीय ‘इंदौर मीडिया कॉन्क्लेव’ का भव्य आगाज

 

पत्रकारिता के इंदौर घराने का सम्मान, एआई की चर्चा और साहित्यिक चेतना के संग हुई पत्रकारिता की गहन पड़ताल

इंदौर, 9 अप्रैल (एसडी न्यूज एजेंसी)। पत्रकारिता के इतिहास में एक नया अध्याय रचते हुए इंदौर प्रेस क्लब ने अपने 63वें स्थापना दिवस पर तीन दिवसीय ‘इंदौर मीडिया कॉन्क्लेव’ का शुभारंभ किया। यह आयोजन न केवल पत्रकारिता के पुरोधाओं को श्रद्धांजलि देने का माध्यम बना, बल्कि वर्तमान मीडिया परिदृश्य के बहुआयामी पहलुओं पर गंभीर विमर्श का मंच भी बना।

विरासत को नमन: उद्घाटन सत्र में मूर्धन्य पत्रकारों को दी श्रद्धांजलि

राजेंद्र माथुर, राहुल बारपुते, प्रभाष जोशी, डॉ. वेदप्रताप वैदिक, शरद जोशी, अभय छजलानी और कृष्णकुमार अष्टाना जैसे दिग्गजों को स्मरण करते हुए दीप प्रज्ज्वलन से समारोह की शुरुआत हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद शंकर लालवानी और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. राकेश सिंघई थे। अध्यक्षता इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने की।

सांसद श्री लालवानी ने कहा, “इंदौर ने देश को ऐसे पत्रकार दिए हैं जिन्होंने पत्रकारिता को एक नई दिशा दी है।” वहीं प्रो. सिंघई ने भाषाई पत्रकारिता में इंदौर की विशिष्ट पहचान की सराहना की।


पहला सत्र: “पत्रकारिता का इंदौर घराना”

वरिष्ठ पत्रकार राजेश बादल, जयदीप कर्णिक, यशवंत व्यास, सईद अंसारी, विजय मनोहर तिवारी, और प्रकाश हिंदुस्तानी ने इंदौर की पत्रकारिता पर खुलकर बात की।

जयदीप कर्णिक ने कहा, “नईदुनिया केवल अखबार नहीं, पत्रकारिता की पाठशाला है।
व्यास बोले, “इंदौर की पत्रकारिता में एक अलग आत्मीयता और स्वतंत्रता है जो उसे विशिष्ट बनाती है।
सईद अंसारी ने कहा, “इंदौर पत्रकारिता की आत्मा है, और राजेंद्र माथुर जैसे लोग इसके शिल्पी हैं।


दूसरा सत्र: “एआई का धमाल – नौकरी लेगा या करेगा कमाल?”

इस विचारोत्तेजक सत्र में हिमांशु शेखर (NDTV), जयदीप कर्णिक (अमर उजाला), प्रत्यूष रंजन (PTI) और विनय छजलानी (Webdunia) ने एआई के मीडिया पर प्रभाव पर अपने विचार रखे।

हिमांशु शेखर ने कहा, “AI में ह्यूमन टच की कमी है, यह एक तकनीकी औजार है, पत्रकार नहीं।
जयदीप कर्णिक बोले, “AI चुनौती है, खतरा नहीं – इसका इस्तेमाल हमारी दिशा तय करेगा।
विनय छजलानी ने कहा, “AI तब तक ही सहायक है जब तक हम इसे अपना सेवक बनाए रखें।


तीसरा सत्र: “अखबारों से सिमटता साहित्य”

इस सत्र में वरिष्ठ साहित्यकारों और पत्रकारों ने वर्तमान मीडिया में साहित्य की स्थिति पर चिंता जताई।
तुलसीराम सिलावट (जल संसाधन मंत्री) ने आयोजन को अभिनंदनीय बताते हुए इंदौर की साहित्यिक चेतना की सराहना की।
अनन्त विजय, प्रियदर्शन, निर्मला भुराडिया, और डॉ. स्वाति तिवारी ने साहित्य में घटती संवेदना, फूहड़ता और कॉपी-पेस्ट संस्कृति पर प्रश्न उठाए।

प्रियदर्शन ने कहा, “पत्रकारिता और साहित्य की धुरी अलग हो गई है – यह चिंतन का विषय है।
डॉ. तिवारी ने जोड़ा, “साहित्य में संवेदना ही उसकी आत्मा है, और यही पत्रकारिता को दिशा देती थी।


समापन सत्र: कबीर भजनों में रमा समां

अंतिम सत्र में पद्मश्री भेरूसिंह चौहान की आवाज में कबीर और मीराबाई के भजनों ने माहौल को भक्ति और भाव में सराबोर कर दिया।


उत्कृष्ट आयोजन, श्रेष्ठ विमर्श

तीन दिवसीय मीडिया कॉन्क्लेव में देश के प्रमुख पत्रकारों, विचारकों, साहित्यकारों और तकनीकी विशेषज्ञों की उपस्थिति ने इंदौर की पत्रकारिता को नई चेतना और नई ऊर्जा से भर दिया। प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी और महासचिव हेमंत शर्मा के नेतृत्व में यह आयोजन न केवल स्मरणीय बना, बल्कि इंदौर को पत्रकारिता का सशक्त केंद्र सिद्ध करने में सफल रहा।

 


Discover more from SD NEWS AGENCY

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Reply

Discover more from SD NEWS AGENCY

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading