Saturday, November 15

Success Story: बस कंडक्टर की बेटी, बिना कोचिंग UPSC की परीक्षा पास कर बनी IPS अफसर

15 नवम्बर 2025, धर्मशाला: यूपीएससी (UPSC) की कठिन परीक्षा को पास करना कोई आसान काम नहीं है। इस परीक्षा को क्रैक करने के लिए छात्रों को वर्षों की कड़ी मेहनत और कोचिंग की जरूरत महसूस होती है। लेकिन शालिनी अग्निहोत्री की सफलता की कहानी इन सभी धाराओं को चुनौती देती है। यह कहानी न केवल संघर्ष की है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाती है कि अगर इरादा मजबूत हो, तो किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है।

मां का अपमान, दर्द से मिली हिम्मत
शालिनी की सफलता की शुरुआत एक दर्दनाक घटना से हुई। एक दिन वह अपनी मां के साथ यात्रा कर रही थीं, तभी किसी व्यक्ति ने उनकी मां के साथ बदतमीजी की। इस घटना ने शालिनी को गहरे तक झकझोर दिया और उनके दिल में एक आग जला दी कि उन्हें इतना सक्षम बनना है कि वह समाज में होने वाले किसी भी अन्याय के खिलाफ खड़ी हो सकें। यही वह पल था जब शालिनी ने ठान लिया कि वह एक अफसर बनेंगी।

शुरुआत: साधारण परिवार और मेहनत
शालिनी हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले की रहने वाली हैं। उनके पिता बस कंडक्टर थे और परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं थी। शालिनी ने अपनी स्कूल की पढ़ाई धर्मशाला से की और बचपन से ही पढ़ाई में बहुत तेज थीं। 10वीं में उन्होंने 92% अंक हासिल किए थे, जबकि 12वीं में उनका स्कोर 77% था।

एग्रीकल्चर में डिग्री और UPSC की ओर रुख
शालिनी ने अपनी आगे की पढ़ाई हिमाचल विश्वविद्यालय से की और एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन पूरा किया। इसके बाद उन्होंने MSc में एडमिशन लिया। हालांकि, शालिनी का सपना हमेशा से सिविल सेवा में जाने का था, और उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद UPSC की तैयारी शुरू की।

कोचिंग के बिना सफलता का सफर
यूपीएससी की तैयारी के लिए कई छात्र महंगे कोचिंग संस्थानों में दाखिला लेते हैं, लेकिन शालिनी ने कोचिंग क्लासेस को न कह दिया। उन्होंने ऑनलाइन स्टडी मटीरियल और अपनी मेहनत से ही तैयारी की। शालिनी ने 2011 में UPSC CSE परीक्षा में 285वीं रैंक हासिल की और आईपीएस (IPS) अधिकारी बन गईं। उनका यह सफर यह साबित करता है कि यदि आपके पास सच्ची मेहनत और लगन हो, तो बिना कोचिंग के भी सफलता प्राप्त की जा सकती है।

दोबारा UPSC को क्रैक किया
IPS बनने के बाद भी शालिनी ने हार मानने का नाम नहीं लिया। 2012 में, एक बार फिर से उन्होंने UPSC की परीक्षा दी और एक बार फिर सफल रही। उनका यह सफर हर किसी के लिए प्रेरणा है, और यह बताता है कि जब मेहनत और समर्पण सही दिशा में हो, तो कोई भी सपना बड़ा नहीं होता।

कहानी का संदेश
शालिनी की सफलता की कहानी यह साबित करती है कि सफलता के लिए जरूरी नहीं कि आपके पास बड़े संसाधन हों या कोचिंग की सुविधा हो। अगर आपके अंदर दृढ़ निश्चय और मेहनत की भावना हो, तो आप किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं। उनकी कहानी लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, और यह बताती है कि सच्ची मेहनत और सकारात्मक सोच के साथ कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।

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