
रायबरेली, 14 नवम्बर 2025: झारखंड के घाटशिला विधानसभा उपचुनाव में एक बार फिर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की शानदार जीत ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। झामुमो उम्मीदवार सोमेश चंद्र सोरेन ने बीजेपी के उम्मीदवार बाबूलाल सोरेन को बड़ी बढ़त से हराया, यह साबित करते हुए कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में पार्टी की पकड़ अब भी मजबूत है।
भावनाओं का असर: सोमेश सोरेन की जीत का आधार
घाटशिला उपचुनाव में सोमेश सोरेन की जीत के पीछे सबसे बड़ा कारण भावनात्मक लहर रही। खासकर झामुमो के पक्ष में उस समय जब उनकी मां ने भावुक होते हुए अपने बेटे सोमेश को समर्थन देने की अपील की। यह भावनात्मक पहलू वोटरों पर गहरा असर डालने में सफल रहा। इसके अलावा, रामदास सोरेन की मृत्यु के बाद उपजी सिंपैथी लहर ने भी झामुमो के उम्मीदवार के पक्ष में माहौल तैयार किया।
झामुमो के इस जीत में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व और पार्टी द्वारा किए गए विकास कार्यों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। हेमंत सोरेन सरकार की नीतियों और बेहतर सुशासन ने पार्टी को चुनावी मैदान में मजबूती दी।
बीजेपी के बाबूलाल सोरेन को हराया
घाटशिला उपचुनाव में कुल तेरह उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें प्रमुख बीजेपी के बाबूलाल सोरेन और झामुमो के सोमेश चंद्र सोरेन थे। हालांकि, भावनात्मक मुद्दों और कार्यों के आधार पर झामुमो को भारी जीत मिली। इस चुनावी जंग में बीजेपी के बाबूलाल सोरेन को हराया और झामुमो ने अपना वर्चस्व बनाए रखा।
मईया सम्मान योजना का प्रभाव
झारखंड की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा लागू की गई ‘मईया सम्मान योजना’ का भी चुनावी परिणाम में अहम योगदान रहा। यह योजना राज्य के समाज के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही थी और इसके प्रभाव को घाटशिला में भी महसूस किया गया। इस योजना ने जनता के बीच सकारात्मक माहौल पैदा किया और सोमेश सोरेन को चुनावी जीत दिलाने में मदद की।
विकास कार्यों का असर
घाटशिला के पूर्व विधायक रामदास सोरेन के योगदान को भी इस जीत में एक महत्वपूर्ण कारक माना जा रहा है। रामदास सोरेन ने तीन बार घाटशिला का प्रतिनिधित्व किया था और इस दौरान जो विकास कार्य किए थे, उनका असर अब भी लोगों पर पड़ा। उनके कार्यों को याद करते हुए, सोमेश को उनका समर्थन मिला, जिससे जीत का रास्ता और भी आसान हो गया।
सारांश
घाटशिला उपचुनाव में झामुमो की जीत ने यह साबित कर दिया कि पार्टी ने भावनात्मक मुद्दों और विकास कार्यों के जरिए जनता से जुड़ाव बनाए रखा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नेतृत्व और झामुमो के बेहतर कार्यों के चलते इस चुनावी परिणाम ने पार्टी को एक बड़ी राजनीतिक सफलता दिलाई।