
देहरादून: उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र के गांवों में शादियों को सरल, पारंपरिक और किफायती बनाने के लिए नए नियम लागू किए गए हैं। अब महिलाओं को केवल तीन सोने के गहने पहनने की अनुमति होगी और समारोहों में शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। इन नियमों का पालन न करने पर उल्लंघन करने वाले परिवार पर 50,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
🔹 पंचायत का फैसला
- चकराता के कंधड़ और इंद्रोली गांवों में पंचायत ने तय किया कि महिलाएं शादी में सिर्फ नाक की पिन, मंगलसूत्र और झुमके पहन सकती हैं।
- लीको देवी, 45 वर्षीय ग्रामीण, ने कहा कि महंगे गहनों का सामाजिक दबाव कम संपन्न परिवारों पर भारी बोझ डाल रहा था। अब सभी महिलाएं सिर्फ तीन गहने पहनेंगी, जिससे शादी का खर्च कम होगा और समाज में दिखावे की होड़ खत्म होगी।
🔹 शराब पर प्रतिबंध
- डुंडा ब्लॉक के लोदरा गांव ने शादी और मुंडन समारोहों में शराब पर कड़ाई से प्रतिबंध लगाया है।
- उल्लंघन करने पर 51,000 रुपये का जुर्माना और सामाजिक बहिष्कार का प्रावधान है।
- ग्राम प्रधान कविता बुटोला ने बताया कि इस निर्णय में महिला मंगल दल और युवक मंगल दल की चर्चा को महत्व दिया गया। अब कोई भी गांववासी ऐसी शादी में शामिल नहीं होगा जहां शराब परोसी जाती हो।
🔹 सामाजिक दबाव कम करने की कोशिश
- ग्रामीणों ने कहा कि शादी में आभूषण, खानपान और पेय पदार्थ पर बेतहाशा खर्च का दबाव चिंता और तनाव पैदा कर रहा था।
- अर्जुन सिंह, बुज़ुर्ग ग्रामीण, ने कहा कि आभूषण पहले खुशी का प्रतीक थे, अब चिंता का कारण बन गए हैं।
- टीकम सिंह ने कहा कि पहले शादियों में रस्म, खानपान और संगीत की चर्चा होती थी, अब डीजे, इम्पोर्टेड शराब और स्टेज फोटो जैसी चीजों का दबाव बढ़ गया है। नए नियम हमें हमारी सांस्कृतिक जड़ों की ओर लौटने में मदद करेंगे।
निष्कर्ष: गढ़वाल के ये नए विवाह नियम ग्रामीण जीवन को आसान और शादियों को अधिक पारंपरिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। अब शादी सिर्फ दिखावे का कार्यक्रम नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामूहिक खुशियों का अवसर बनेगी।