Tuesday, November 11

गूगल का बड़ा फैसला: प्ले स्टोर अब बताएगा कौन से ऐप्स चूसते हैं सबसे ज्यादा बैटरी, मार्च 2026 से लागू होंगे नए नियम

अब एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर्स को जल्द ही गूगल प्ले स्टोर पर यह पता चल सकेगा कि कौन-से ऐप्स उनकी फोन बैटरी सबसे ज्यादा खत्म करते हैं। गूगल ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए घोषणा की है कि मार्च 2026 से ज्यादा बैटरी ड्रेन करने वाले ऐप्स पर ‘अत्यधिक बैटरी उपयोग’ (Excessive Battery Drain) का लेबल लगाया जाएगा या उन्हें सर्च रिजल्ट में कम दिखाया जाएगा।

🔋 “भुक्खड़ ऐप्स” पर गूगल की सख्ती

गूगल की नई पॉलिसी के तहत अब ऐसे ऐप्स पर निगरानी रखी जाएगी जो ‘वेक लॉक’ (Wake Lock) फीचर का अत्यधिक उपयोग करते हैं। यह फीचर फोन की स्क्रीन बंद होने के बाद भी डिवाइस को एक्टिव रखता है, जिससे बैटरी तेजी से खत्म होती है।
गूगल नहीं चाहता कि ऐप्स बिना जरूरत के यूजर्स की बैटरी “चुपचाप खा जाएं”, इसलिए उसने सैमसंग के साथ मिलकर यह पॉलिसी तैयार की है।

⚠️ ऐप्स की रैंकिंग पर असर पड़ेगा

एंड्रॉयड डेवलपर्स ब्लॉग के मुताबिक, जो ऐप्स फोन की बैटरी को बेवजह ड्रेन करते हैं, उनकी विज़िबिलिटी (Visibility) घटाई जाएगी। यानी ऐसे ऐप्स सर्च रिजल्ट में पीछे चले जाएंगे या उन पर एक चेतावनी लेबल लगाया जाएगा ताकि यूजर्स को डाउनलोड से पहले ही जानकारी मिल जाए कि वह ऐप बैटरी ज्यादा खाता है।

🧠 यूजर्स को मिलेगा स्मार्ट विकल्प

गूगल का यह कदम यूजर्स एक्सपीरियंस बेहतर करने की दिशा में बड़ा बदलाव माना जा रहा है। अब यूजर्स आसानी से पहचान पाएंगे कि कौन-से ऐप्स उनकी बैटरी लाइफ को घटा रहे हैं। इससे वे ऐसे ऐप्स को इंस्टॉल करने से बच सकेंगे जो फोन की परफॉर्मेंस को धीमा करते हैं या चार्ज जल्दी खत्म करते हैं।

👨‍💻 डेवलपर्स को चेतावनी – ऑप्टिमाइज़ करें या बाहर हों

गूगल ने डेवलपर्स को साफ संदेश दिया है कि उन्हें अपने ऐप्स को बैटरी-फ्रेंडली बनाना होगा। जो डेवलपर्स ऐसा नहीं करेंगे, उनके ऐप्स की रैंकिंग और पहुंच (Reach) प्ले स्टोर पर घटा दी जाएगी। यह नियम डेवलपर्स को मजबूर करेगा कि वे ऐप्स को इस तरह डिज़ाइन करें, जो फोन की बैटरी का न्यूनतम उपयोग करें।

🚀 गूगल की नई तकनीक की झलक

इसके साथ ही गूगल ने यह भी संकेत दिया है कि उसकी नई तकनीक “Nano Banana 3.0” जल्द ही 4K आउटपुट सपोर्ट के साथ पेश की जाएगी, जिसमें Gemini 3.0 AI इंजन का उपयोग होगा। भारत को गूगल ने डेटा सेंटर के लिए एक बड़ा बाजार माना है, और यह कदम तकनीकी पारदर्शिता की दिशा में अहम साबित हो सकता है।

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