
मुंबई। अटल सेतु और कोस्टल रोड जैसे मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के बाद अब मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR) एक और ऐतिहासिक निर्माण का गवाह बनने जा रहा है। मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) देश का सबसे लंबा फ्लाईओवर बनाने की तैयारी कर रहा है, जो नवी मुंबई से भिवंडी को जोड़ेगा। यह फ्लाईओवर न सिर्फ लंबाई में रिकॉर्ड बनाएगा बल्कि इसका डबल डेकर डिज़ाइन मुंबई के ट्रांसपोर्ट नेटवर्क में एक नई क्रांति लाएगा।
यह 21 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर एनएच-48 पर शील फाटा से शुरू होकर डोंबिवली और कल्याण होते हुए एनएच-160 पर रंजनोली जंक्शन तक जाएगा। फिलहाल देश का सबसे लंबा फ्लाईओवर हैदराबाद का 11 किलोमीटर लंबा विश्वेश्वरैया फ्लाईओवर है, जिसे यह प्रोजेक्ट दोगुनी लंबाई से पीछे छोड़ देगा।
डबल डेकर फ्लाईओवर — एक साथ सड़क और मेट्रो
एमएमआरडीए की योजना के अनुसार यह फ्लाईओवर डबल डेकर होगा।
- निचला हिस्सा — चार लेन की सड़क के लिए होगा।
- ऊपरी हिस्सा — मेट्रो ट्रैक के लिए होगा।
यह प्रोजेक्ट विरार-अलीबाग मल्टी-मॉडल कॉरिडोर, मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर, और ऐरोली-कटाई फ्रीवे जैसे कई अन्य बड़े प्रोजेक्ट्स से भी जोड़ा जाएगा।
एमएमआरडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, “हम इस फ्लाईओवर के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने हेतु सलाहकार नियुक्त करने की प्रक्रिया में हैं। सलाहकार बोली प्रक्रिया और प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग का कार्य भी संभालेगा।”
फ्लाईओवर से घटेगा सफर समय
इस फ्लाईओवर के बनने से नवी मुंबई और भिवंडी के बीच का 32 किमी का सफर कुछ ही मिनटों में तय किया जा सकेगा। इससे एमएमआर के ट्रैफिक सिस्टम में बड़ा सुधार होगा और औद्योगिक इलाकों से लेकर एयरपोर्ट तक का आवागमन बेहद आसान हो जाएगा।
बताया गया है कि नवी मुंबई के नए अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से 15 दिसंबर को पहली फ्लाइट उड़ान भरेगी, और यह फ्लाईओवर एयरपोर्ट कनेक्टिविटी को और मज़बूत करेगा।
तीन मेट्रो लाइनों को जोड़ेगा फ्लाईओवर
इस प्रस्तावित फ्लाईओवर के ऊपरी डेक पर तीन प्रमुख मेट्रो लाइनें जोड़ी जाएंगी —
- मेट्रो-5: भिवंडी से कल्याण (दुर्गाडी फोर्ट से रंजनोली जंक्शन तक)
- मेट्रो-12: कल्याण से तलोजा (कल्याण एपीएमसी से रनवाल जंक्शन तक)
- मेट्रो-14: कांजुरमार्ग से बदलापुर (शील फाटा से कटाई नाका तक)
इन तीनों लाइनों के पूरा होने से यह क्षेत्र मुंबई, ठाणे, कल्याण, डोंबिवली और नवी मुंबई के बीच एक संपूर्ण मेट्रो-कनेक्टेड ज़ोन बन जाएगा।
डीपीआर में बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का ध्यान
फ्लाईओवर की डीपीआर (Detailed Project Report) तैयार करते समय मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर को ध्यान में रखा जाएगा ताकि भविष्य में दोनों परियोजनाएं एक-दूसरे से समन्वित रूप से संचालित हो सकें।
यह विशाल परियोजना मुंबई के परिवहन ढांचे को नई दिशा और रफ्तार देने वाली साबित होगी। अटल सेतु और कोस्टल रोड के बाद, यह फ्लाईओवर मुंबई की पहचान को भारत के आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर हब के रूप में और भी मजबूत करेगा।