Monday, November 3

मध्यप्रदेश में डिजिटल गवर्नेंस की नई क्रांति का आगाज़ — मुख्यमंत्री ने किया ‘एमपी ई-सेवा पोर्टल’ का शुभारंभ

मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ‘एमपी ई-सेवा पोर्टल और मोबाइल ऐप’ का शुभारंभ करते हुए राज्य में डिजिटल गवर्नेंस की नई क्रांति की शुरुआत की। इस एकीकृत नागरिक सेवा मंच के माध्यम से अब प्रदेश के 56 विभागों की 1700 से अधिक सेवाएँ और योजनाएँ एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगी।

‘एमपी ई-सेवा’ पोर्टल का विकास विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (MPSEDC) द्वारा सेंटर फॉर एक्सीलेंस में किया गया है। इसका उद्देश्य प्रदेश में प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पेपरलेस, फेसलेस और तेज़ बनाते हुए नागरिकों को सभी सेवाएँ एक ही डिजिटल छत के नीचे उपलब्ध कराना है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि “डिजिटल गवर्नेंस ही गुड गवर्नेंस है”, और ‘एमपी ई-सेवा’ इसके सफल उदाहरण के रूप में प्रदेश को देश के अग्रणी ई-गवर्नेंस राज्यों में स्थापित करेगा। इस पोर्टल के माध्यम से वर्ष 2026 तक 100% ई-सेवा डिलीवरी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

एक पोर्टल – सभी सेवाएँ

‘एमपी ई-सेवा’ पोर्टल पर नागरिक अब किसी भी विभाग की सेवा के लिए अलग-अलग वेबसाइटों पर लॉगइन करने या दस्तावेज़ बार-बार जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी।
पोर्टल (eseva.mp.gov.in) और मोबाइल ऐप (Android एवं iOS) के माध्यम से नागरिक पात्रता जांच, आवेदन, स्टेटस ट्रैकिंग और अनुमोदन की पूरी प्रक्रिया एक ही मंच पर कर सकेंगे। सभी प्रक्रियाएँ आधार प्रमाणीकरण, ई-साइन और डिजिटल सर्टिफिकेट से सुरक्षित होंगी।

‘समग्र पोर्टल’ से एकीकरण

‘एमपी ई-सेवा’ को समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल से जोड़ा गया है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक परिवार को 8-अंकीय परिवार आईडी और प्रत्येक सदस्य को 9-अंकीय सदस्य आईडी दी गई है। इससे पात्रता की पहचान स्वतः संभव हो गई है और दस्तावेज़ों की ऑटो-फेचिंग सुविधा के कारण नागरिकों को बार-बार दस्तावेज़ अपलोड करने की आवश्यकता नहीं होगी।

सरल, सुरक्षित और नागरिक केंद्रित डिज़ाइन

पोर्टल का इंटरफेस मोबाइल-फर्स्ट और बहुभाषीय है, जिसमें दिव्यांगजन के लिए विशेष रूप से अनुकूलित डिजाइन शामिल है। इससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के नागरिक आसानी से सेवाओं का उपयोग कर सकेंगे। प्रारंभिक आकलन के अनुसार, इससे प्रशासनिक लागत में 40% तक की कमी और नागरिकों के 50 मिलियन घंटे की बचत होगी।

राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश की उपलब्धि

सितम्बर 2025 में जारी राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा वितरण आकलन (NESDA Way Forward) रिपोर्ट के अनुसार, मध्यप्रदेश ने 56 अनिवार्य विभागीय सेवाओं को 100% इंटीग्रेट कर देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है।
राज्य को पहले ही ‘सायबर तहसील’ के लिए प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार और ‘संपदा 2.0’ के लिए राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस स्वर्ण पुरस्कार मिल चुके हैं।

‘एमपी ई-सेवा’ पोर्टल का शुभारंभ न केवल डिजिटल प्रशासन की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह मध्यप्रदेश को डिजिटल इंडिया के विज़न का अग्रदूत बनाने की दिशा में भी ऐतिहासिक पहल साबित होगा।

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