
हर विधानसभा क्षेत्र में बनेगा अंडरग्राउंड वॉटर टैंक, बदली जाएंगी पुरानी सीवर लाइनें, जल मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने दी जानकारी
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में अब पानी और सीवेज की समस्याओं से जल्द राहत मिलने की उम्मीद है। दिल्ली सरकार ने पहली बार विधानसभावार वॉटर और सीवेज इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए फंड जारी किया है। कुल 735 करोड़ रुपये के इस बजट से 68 विधानसभा क्षेत्रों में पानी और सीवेज व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम होगा।
जल मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने बताया कि यह पहली बार है जब फंड को डिसेंट्रलाइज्ड (विकेन्द्रित) किया गया है। अब प्रत्येक विधायक अपने क्षेत्र की जरूरतों के अनुसार परियोजनाओं का चयन कर सकेंगे। इस राशि में से कैपिटल हेड से 408.95 करोड़ और रेवेन्यू हेड से 326 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
नई पाइपलाइन और टैंक से सुधरेगी जल आपूर्ति
सरकार के अनुसार, कैपिटल हेड से मिलने वाले फंड से नई पाइपलाइन बिछाने, पुरानी सीवर लाइनों को बदलने और अंडरग्राउंड रिजर्वायर (UGR) बनाने का कार्य किया जाएगा। वहीं, रेवेन्यू हेड के अंतर्गत मौजूदा वॉटर इन्फ्रास्ट्रक्चर की मेंटेनेंस और सीवर लाइनों की डीसिल्टिंग (सफाई) का काम किया जाएगा।
पारदर्शिता और समयबद्ध काम के लिए निगरानी व्यवस्था
जल मंत्री ने बताया कि विधानसभावार फंड जारी करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि जनता की वास्तविक जरूरतों के अनुसार विकास कार्य कराए जा सकें। उन्होंने कहा,
“दिल्ली की सबसे बड़ी समस्या सीवर ओवरफ्लो और ब्लॉकेज की है। इस व्यवस्था से विधायक तत्काल फंड का उपयोग कर सकेंगे और समस्याओं का समाधान समय पर होगा।”
कामों में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड (DJB) ने एक सेंट्रलाइज्ड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (PMU) भी बनाई है, जो यह निगरानी करेगी कि किस विधानसभा में कितना फंड खर्च हुआ और काम कब तक पूरा हुआ।
राजधानी को मिलेगा बेहतर जल-सीवेज ढांचा
यह योजना न केवल दिल्ली की जल आपूर्ति और सीवेज व्यवस्था को सुदृढ़ करेगी, बल्कि लोगों को रोजमर्रा की समस्याओं जैसे पानी की कमी, सीवर जाम और ओवरफ्लो से भी राहत दिलाएगी। दिल्ली सरकार का यह कदम शहरी विकास की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक प्रयास माना जा रहा है।
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