
वॉशिंगटन। अमेरिका के सबसे चर्चित शहर न्यूयॉर्क में इस बार का मेयर चुनाव दुनियाभर में सुर्खियां बटोर रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह हैं डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जोहरान ममदानी, जिन्होंने अपने बेबाक बयानों और अनोखे प्रचार अभियान से पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया है। पीएम नरेंद्र मोदी और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर की गई उनकी टिप्पणियों ने उन्हें विवादों के केंद्र में ला दिया है।
ममदानी को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तक नाराजगी जता चुके हैं। ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क के मेयर बने तो “फेडरल फंड रोकने पर विचार किया जाएगा।”
तीन उम्मीदवारों में सीधा मुकाबला
न्यूयॉर्क में मेयर पद के लिए इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है —
- जोहरान ममदानी (34 वर्ष) — डेमोक्रेटिक पार्टी से उम्मीदवार, और सबसे युवा चेहरा।
- एंड्रयू कुओमो (67 वर्ष) — न्यूयॉर्क के पूर्व गवर्नर, जो इस बार निर्दलीय उम्मीदवार हैं।
- कर्टिस स्लीवा (71 वर्ष) — रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवार, और “गार्जियन एंजेल्स” संगठन के संस्थापक।
हालिया सर्वेक्षणों में ममदानी अपने दोनों प्रतिद्वंद्वियों से आगे चल रहे हैं। अगर वे जीतते हैं, तो न्यूयॉर्क के इतिहास में पहले मुस्लिम, अफ्रीका में जन्मे, और दक्षिण एशियाई मूल के मेयर बनेंगे।
भारत से गहरा नाता
जोहरान ममदानी का भारत से भी विशेष जुड़ाव है।
- वे युगांडा की राजधानी कंपाला में जन्मे।
- उनकी मां मशहूर भारतीय-अमेरिकी फिल्म निर्देशक मीरा नायर हैं।
- पिता महमूद ममदानी, कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं और गुजरात मूल के हैं।
सात वर्ष की उम्र में जोहरान न्यूयॉर्क पहुंचे और 2018 में अमेरिकी नागरिक बने। राजनीति में आने से पहले वे कम आय वाले परिवारों के लिए फॉरक्लोजर काउंसल के रूप में काम करते थे।
मोदी और नेतन्याहू पर विवादित बयान
जोहरान ममदानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू पर की गई टिप्पणियों के चलते आलोचनाओं में घिरे। उन्होंने कहा था —
“हमें नरेंद्र मोदी को उसी तरह देखना चाहिए जैसे हम नेतन्याहू को देखते हैं। जैसे नेतन्याहू गाज़ा के लिए जिम्मेदार हैं, वैसे ही मोदी 2002 के गुजरात दंगों के लिए जिम्मेदार हैं।”
इस बयान के बाद अमेरिका और भारत में इंडो-अमेरिकन और हिंदू समुदायों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और इसे “घृणास्पद” करार देते हुए माफी की मांग की।
चार साल का कार्यकाल
न्यूयॉर्क के मेयर का कार्यकाल चार वर्ष का होता है और कोई भी व्यक्ति लगातार दो बार से अधिक पद पर नहीं रह सकता।
यहां वोटिंग रैंक्ड चॉइस सिस्टम से होती है, जिसमें मतदाता अपनी पसंद के अनुसार उम्मीदवारों को 1 से 5 तक रैंक करते हैं।
मंगलवार को होने वाले इस चुनाव में अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या जोहरान ममदानी इतिहास रच पाएंगे — या फिर ट्रंप की चेतावनी के बाद राजनीतिक हवा कोई नया मोड़ लेगी।